वाशिंगटन; अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान के एक प्रमुख गैर नाटो सहयोगी के दर्जे को समाप्त कर दिया है। यह कदम अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के कब्जे के एक वर्ष बाद उठाया गया है। अमेरिका ने वर्ष 2012 में अफगानिस्तान को एक प्रमुख गैर नाटो सहयोगी (एमएनएनए) का दर्जा दिया था। इसके माध्यम से दोनों देशों के बीच रक्षा और आर्थिक संबंध बरकरार थे। इस दर्जे के कारण अफगानिस्तान को रक्षा और सुरक्षा संबंधी तमाम सहायता और सुविधाएं मिलती थीं।
बाइडन ने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को भेजे गए ज्ञापन में कहा, ‘अमेरिका के संविधान और कानून के तहत राष्ट्रपति के रूप में मुझे प्राप्त शक्ति के अंतर्गत मैं अफगानिस्तान को दिए गए प्रमुख गैर नाटो सहयोगी के दर्ज को समाप्त करता हूं।’ एमएनएनए का दर्जा पहली बार 1987 में शुरू किया गया था।
अफगानिस्तान का एमएनएनए का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद अमेरिका के 18 प्रमुख गैर नाटो सहयोगी रह गए हैं। इनमें अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, बहरीन, ब्राजील, कोलंबिया, मिस्त्र, इजरायल, जापान, जार्डन, कुवैत, मोरक्को, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, फिलीपींस, कतर, दक्षिण कोरिया, थाइलैंड और ट्यूनीशिया शामिल हैं।
ह्यूमन राइट वाच के अनुसार तालिबान ने सभी लीडरशिप पोस्ट से महिलाओं को हटा दिया। साथ ही तालिबान ने कई क्षेत्र में सेंसरशिप का प्राविधान लागू कर दिया। रिपोर्टिंग पर कानून लागू करने के साथ ही पत्रकारों को पीटने की घटना भी हुई। न्यूज एजेंसी एएनआइ के अनुसार, तालिबान सुरक्षा बलों ने पूर्व सरकार के अधिकारियों की किडनैपिंग जैसी घटनाओं को अंजाम दिया।
15 अगस्त 2021 को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया। इसके बाद सितंबर में तालिबान ने अफगानिस्तान पर पूरी तरह जीत का एलान कर दिया और अंतरिम सरकार का गठन भी कर लिया। हालांकि इस तालिबान सरकार को अब तक दुनिया के किसी अन्य देश ने मान्यता नहीं दी है।