उत्तराखंड; पुलिस सेवा से रिटायरमेंट के बाद प्रदेश के युवाओं को पुलिस-सेना भर्ती की निशुल्क ट्रेनिंग देने वाले पूर्व आईपीएस जीएस मर्तोलिया के कंधों पर अब नौकरी देने की जिम्मेदारी आ गई है। बातचीत में उन्होंने कहा कि सबसे पहले आयोग पर खोया हुआ युवाओं का भरोसा लौटाने का प्रयास करेंगे।
दरअसल, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की 2016 में हुई वीपीडीओ भर्ती हो या हाल में हुई स्नातक स्तरीय भर्ती, वन दरोगा, सचिवालय रक्षक सेवा भर्ती पेपर लीक होने के बाद आयोग के प्रति युवाओं का भरोसा खत्म हो गया। आयोग के पूर्व अध्यक्ष एस राजू के इस्तीफे के बाद सचिव संतोष बडोनी को सरकार ने सस्पेंड किया हुआ है। सरकार ने समूह-ग की भर्तियों की जिम्मेदारी आयोग से लेते हुए राज्य लोक सेवा आयोग को दी हुई है। ऐसे हालात में कुर्सी संभालने वाले पूर्व आईपीएस जीएस मर्तोलिया पूरे प्रकरण पर काफी गंभीर हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, उन्होंने कहा कि चुनौतियां बहुत हैं। आयोग को व्यवस्थित करना होगा। युवाओं का जो विश्वास खोया है, उसे लौटाने की जिम्मेदारी मिली है। उन्होंने बताया कि अभी तक वह प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर जाकर युवाओं को सेना और पुलिस में भर्ती की निशुल्क ट्रेनिंग देते रहे हैं। उनके प्रशिक्षण के बाद कई युवा सेना में भर्ती भी हो चुके हैं। अब उन्हें युवाओं को पूर्ण पारदर्शिता के साथ भर्ती करने की जिम्मेदारी मिली है। वहीं, युवाओं को नशे से बचाने के लिए खेलों में भी आईपीएस मर्तोलिया ने काफी काम किया है। वर्तमान में वह उत्तराखंड एससी-एसटी आयोग में बतौर उपाध्यक्ष सेवाएं दे रहे हैं।
कौन हैं पूर्व आईपीएस जीएस मर्तोलिया