स्वर्ण मंदिर; त्योहारों का सीजन चल रहा है। इस सीजन में दो बड़े पर्व दिवाली और छठ पूजा है। इस मौके पर लोग छुट्टियां मनाने वेकेशन पर जाते हैं। वहीं, कुछ लोग धार्मिक यात्रा पर जाना पसंद करते हैं। अगर आप भी दिवाली के मौके पर धार्मिक यात्रा पर जाना चाहते हैं, तो अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल जा सकते हैं। बड़ी संख्या में लोग स्वर्ण मंदिर बाबा के दरबार पर मत्था टेकने आते हैं। यह मंदिर खूबसूरती के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। स्वर्ण मंदिर को हरमिंदर साहिब के रूप में भी जाना जाता है। आइए, इस मंदिर से जुड़ी रोचक बातें जानते हैं-
मिली जानकारी के अनुसार, इतिहासकारों की मानें तो एक बार गौतम बुद्ध यहां पर कुछ समय के लिए रुके थे। उस समय उन्होंने ध्यान क्या था। तब भगवान बुद्ध ने कहा था कि ध्यान के लिए यह स्थल बेहद ही अनुकूल है। इस स्थान पर ध्यान करने से भगवान की प्राप्ति अवश्य होगी।
-श्री हरमंदिर साहिब मंदिर यानी गोल्डन टेम्पल में दुनिया का सबसे बड़ा लंगर सेवा आयोजित किया जाता है। हजारों की संख्या में लोग लंगर में रोजाना उपस्थित होकर प्रसाद ग्रहण करते हैं। इस मौके पर सभी एक साथ भूमि पर बैठकर प्रसाद ग्रहण करते हैं। माना जाता है कि गुरु के दर्शन के पश्चात प्रसाद ग्रहण करने से तीर्थ यात्रा सफल होता है।
-यह मंदिर सभी धर्मों के अनुयायियों के लिए हमेशा खुला रहता है। सन 1588 में गुरु अर्जन देव जी ने सूफी संत मियां मीर को मंदिर की आधारशिला रखने के लिए आमंत्रित किया था। यह संकेत था कि मंदिर में सभी धर्मों के लोगों के प्रवेश की अनुमति होगी।
-स्वर्ण मंदिर में कोई भी व्यक्ति वॉलिंटियर बन सकता है। वॉलिंटियर बनने पर कोई पाबंदी नहीं है। बच्चे और बड़े कोई भी वॉलिंटियर बन सकता है। वहीं, वालंटियर बनने के लिए सिख होना भी जरूरी नहीं है। आप गुरु के दर्शन करने के पश्चात वॉलिंटियर बन सेवा कर सकते हैं।
संपादन: अनिल मनोचा