उत्तराखंड; पांच दिनों के भीतर एक के बाद एक बड़ी वारदात को अंजाम देकर बदमाशों ने पुलिस को खुली चुनौती दे दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इनके खुलासे के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में डीजीपी ने देहरादून (डोईवाला) में डकैती, हरिद्वार में पुलिस पर फायरिंग और ऊधमसिंह नगर में खनन कारोबारी की हत्या का तीन दिन में खुलासा करने के निर्देश दिए हैं। खुलासा नहीं होने पर संबंधित सीओ और थाना प्रभारी को हटा दिया जाएगा। साथ ही जिले के पुलिस कप्तान को भी अपराध नियंत्रण में नाकाम माना जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार, बीता सप्ताह पुलिस के लिए खासा चुनौती भरा रहा है। ऊधमसिंह नगर में किसान के घर गोलीबारी से वारदात की शुरुआत हुई थी। हालांकि, यह मामला दूसरे राज्य की पुलिस की दबिश से जुड़ा था तो इसे सीधे तौर पर कानून व्यवस्था पर सवाल नहीं माना गया। लेकिन, अगले ही दिन ऊधमसिंह नगर में ही अखबार पढ़ते हुए एक खनन कारोबारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। कानून व्यवस्था में इस तरह की लापरवाही पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी खासे नाराज हुए और एसएसपी ऊधमसिंह नगर को तलब किया था।
अभी ये मामले ठंडे भी नहीं हुए थे कि बदमाशों ने देहरादून पुलिस को चुनौती दे डाली। शनिवार को डोईवाला में दिनदहाड़े बाजार के पास कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के भाई के यहां छह सशस्त्र बदमाशों ने डकैती को अंजाम दिया। पुलिस ने घटनाओं के खुलासे के लिए टीमें गठित कीं और दबिश के दावे किए। इसी बीच रविवार को हरिद्वार के लक्सर में पुलिस पार्टी पर फायरिंग हो गई। सीएम के खुलासे के निर्देश के बाद रविवार को डीजीपी अशोक कुमार ने तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुए सीधे तौर पर पुलिस कप्तान को चेतावनी दे दी।
तीनों जिलों में हुई वारदात का यदि तीन दिन में खुलासा नहीं हुआ तो कप्तानों को अपराध नियंत्रण में नाकाम माना जाएगा। साथ ही संबंधित सीओ और थाना प्रभारी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाएगा। सभी जिलों को त्योहारी सीजन में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
– अशोक कुमार, डीजीपी, उत्तराखंड
संपादन: अनिल मनोचा