उत्तराखण्ड; केदारनाथ में हुए हेलीकॉप्टर क्रैश की घटना ने वहां मौजूद लोगों में खौफ भर दिया। पत्यक्षदर्शियों का कहना है कि केदारनाथ में सुबह मौसम साफ था। अच्छी-खासी धूप खिली थी लेकिन 11बजे अचानक बारिश होने लगी और चारों तरफ कोहरा छा गया। कोहरा इतना घना था कि सौ मीटर की दूरी पर भी साफ नहीं दिखाई दे रहा था।
मिली जानकारी के अनुसार, तभी एक के बाद एक तीन जोरदार धमाकों की आवाज आई। पहले तो किसी को कुछ समझ में नहीं आया। लेकिन, दस मिनट बाद कोहरा कुछ हल्का हुआ तो पहाड़ी के समीप धुंए और आग का गुबार दिखा। वहां एक हेलीकॉप्टर धू-धूकर जल रहा था।
केदारनाथ में बेस कैंप के समीप होटल व टेंट संचालन कर रहे ऊखीमठ ब्लॉक के किमाण गांव निवासी के अजय पुष्पवाण, कुलदीप रावत और लक्ष्मण राणा बताते हैं कि मंगलवार सुबह छह बजे से ही केदारघाटी से हेलीकॉप्टरों की आवाजाही शुरू हो गई थी।
साथ ही पैदल मार्ग पर भी बाबा के जयकारों के साथ यात्रियों का आना-जाना हो रहा था। दिन चढ़ने के साथ सूरज की तपन के बीच हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं से आ रही हवा से ठंड का एहसास होने लगा था। 11 बजे के बाद जिस तरह से मौसम खराब हुुआ, उसकी कल्पना किसी को नहीं था।
अचानक बादल घिरे और बारिश होने लगी। कोहरा इतना घना छाया, ऐसे तो बरसाती सीजन में भी नहीं छाया रहता। तभी नदी घाटी की तरफ एक के बाद एक जोरदार तीन धमाके हुए, जिन्होंने केदारपुरी में रहने वाले हर व्यक्ति के मन में खौफ पैदा कर दिया।
हादसे का पता लगते ही एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया गया। व्यापारियों का कहना है कि हेलीकॉप्टर क्रैश दुर्घटना के बाद से केदारनाथ में रुके यात्रियों में दहशत का माहौल है।
जिन यात्रियों ने हेलीकॉप्टर से वापसी की टिकट करा रखी हैं, उनमें तो कई बहुत ही डरे हुए नजर आए। किमाणा गांव के अजय सिंह ने बताया कि उन्होंने घटना के करीब दो घंटे बाद करीब दस-बारह यात्रियों से बातचीत की तो उनका कहना था कि वह अब पैदल ही वापसी करेंगे।
संपादन: अनिल मनोचा