नई दिल्ली; यूक्रेन मामले में नाटो देशों से धमकियां मिलने के बाद व्लादिमीर पुतिन ने अप्रैल में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की ओर इशारा करते हुए टिप्पणी की थी। अब रूस द्वारा परमाणु हथियार के इस्तेमाल की संभावना जोर पकड़ती जा रही है। अगर ऐसा हुआ तो इसका परिणाम कितना भयावह होगा इसका अंदाजा प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक कंप्यूटर आधारित माडल के जरिये लगाया हयै। यह आकलन अमेरिकी और रूसी सेना की मुद्राओं, परमाणु युद्ध योजनाओं, परमाणु हथियारों से उपलब्ध डाटा और परमाणु हथियारों के लक्ष्यों पर आधारित है।
मिली जानकारी के अनुसार, इस माडल को विकसित करने वाले शोधकर्ता डा एलेक्स ग्लेसर ने बताया कि रूस और नाटो से जुड़े राष्ट्रों के बीच संभावित परमाणु युद्ध शीत युद्ध के बाद का सबसे गंभीर संकट होगा। इसकी प्रबल संभावना हैकि इसे टाला नहीं जा सकेगा क्योंकि इतिहास गवाह है अगर दो गुटों के बीच परस्पर बातचीत न हो तो यह भयानक युद्ध की तरफ ही ले जाती है। वर्तमान में रूस और नाटो देशों के बीच ऐसी ही स्थिति है। यहां दोनों तरफ से बातचीत के माध्यम से रास्ता निकालने की कोई गुंजाइश नहीं देखी जा रही है।
- विस्फोट को कभी न देखें, क्योंकि इससे आप अस्थायी रूप से अंधे हो सकते हैं
- विस्फोट के समय अपने हाथों को सिर के पीछ रखकर जमीन पर बैठ जाना चाहिए
- विस्फोट के बाद आपके पास सबसे अच्छी जगह पर पहुंचने के लिए 30 मिनट का समय होता है
- आपातकालीन किट अपने पास रखें जिसमें पानी और लंबे समय तक न सड़ने वाली खाने की चीजें हों
- रेडियोधर्मी पदार्थों को फैलने से रोकने के लिए अपने आप को तुरंत पानी या गीले कपड़े से अच्छी तरह साफ कर लें
- जब कोई परमाणु बम फटता है तो इसका विकिरण मोबाइल फोन और लैपटाप को बर्बाद कर सकता है। इसलिए संचार के लिए बैटरी से चलने वाले रेडियो की व्यवस्था पहले से कर लेनी चाहिए
शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि परमाणु हमले से चिकित्सा प्रणालियां ढह जाएंगी। इसके अलावा जलवायु, जनसंख्या और खाद्य उत्पादन पर व्यापक प्रभाव पड़ेंगे। इसका असर लंबे समय तक दिखेगा।
संपादन: अनिल मनोचा