वाशिंगटन; इस बार अमेरिका के व्हाइट हाउस में मनाई गई दिवाली समारोह में राष्ट्रपति जो बाइडन के तीन खास मेहमान भी थे। इन्हें राष्ट्रपति ने खुद बुलावा भेजा था। इसके जरिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ एकजुटता का संदेश दे रहे हैं। उन्होंने ऐसे तीन भारतीय अमेरिकी युवा बच्चों को राष्ट्रपति बाइडन ने व्हाइट हाउस में दिवाली समारोह के मौके पर आमंत्रित किया। अमेरिका में ये बच्चे प्रत्यर्पण का सामना कर रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, DALCA समूह में ऐसे बच्चे हैं जो छोटी उम्र में अपने माता-पिता के साथ अमेरिका आए और यहां रह रहे थे, लेकिन अब व्यस्क होने के बाद उन्हें अपने देश वापस लौटने का निर्देश दिया गया है। दरअसल अब ये युवा हो गए हैं और इसलिए माता-पिता के वीजा पर अमेरिका में नहीं रह सकते। अमेरिका में फिलहाल ऐसे 200,000 बच्चे हैं। इनमें अधिकतर भारतीय अमेरिकी हैं।
बाइडन के आमंत्रण पर दिवाली समारोह में पहुंचे इन तीन युवाओं ने प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने बताया कि व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति बाइडन व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मिलकर काफी खुशी हुई।
ये तीन खास युवा मेहमान थे-
- दीप पटेल- इंप्रूव द ड्रीम संगठन के संस्थापक
- परीन म्हात्रे- इंप्रूव द ड्रीम के कार्यकर्ता
- अतुल्य राजाकुमार- इंप्रूव द ड्रीम के कार्यकर्ता
- देशों से माता-पिता के साथ छोटी उम्र में अमेरिका आ गए। तब से यहीं रह रहे थे, लेकिन अब वयस्क होने के बाद इन्हें माता-पिता की वीजा पर यहां रहने की अनुमति नहीं है। इन्हीं के लिए इंप्रूव द ड्रीम संगठन की शुरुआत की गई है।
दीप पटेल ने कहा, ‘इस दिवाली समारोह में अनेक भारतीय अमेरिकी नेताओं व राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से मिलकर हम अभिभूत हो गए। हम आशा करते हैं कि इस साल के अंत तक हम सब के लिए रोशनी होगी। लंबे समय के लिए वीजाधारकों के सभी बच्चों को प्रत्यर्पित किए जाने की समस्या का समाधान मिल जाएगा।’ उन्होंने बताया कि करीब 200,000 युवा अप्रवासी अमेरिका में अपने माता-पिता के अस्थायी वर्क वीजा पर आश्रितों के तौर पर हैं। इसके पीछे देश का पुराना कानून है।
संपादन: अनिल मनोचा