हैदराबाद; तेलंगाना पुलिस ने केसीआर की सत्तारूढ़ पार्टी टीआरएस के चार विधायकों के खरीद फरोख्त के मामले का भंडाफोड़ किया है। साइबराबाद पार्टी ने दावा किया है कि विधायकों को पार्टी छोड़ने के लिए कथित तौर पर लुभाने की कोशिश की जा रही थी, जिसके लिए तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दरअसल पुलिस ने गुप्त जानकारी मिलने के बाद एक फार्महाउस में छापा मारा था, जहां तीनों को पकड़ा गया है। ये तीनों फर्जी पहचान के साथ हैदराबाद आए थे। तीनों पर एफआइआर होने के बाद हिरासत में लिया गया है।
विधायक बोले. भाजपा ने दिया आफर : रंगा रेड्डी के एक फार्महाउस पर पुलिस छापेमारी के संबंध में टीआरएस विधायक पायलट रोहित रेड्डी ने एफआइआर दर्ज कराई है। शिकायत के बाद तीनों आरोपियों रामचंद्र भारती, नंदा कुमार और सिम्हायाजी स्वामी के खिलाफ आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मोइनाबाद पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई। प्राथमिकी में रोहित रेड्डी ने आरोप लगाया कि दिल्ली के रामचंद्र भारती और हैदराबाद के नंद कुमार उनसे मिले और उन्हें भाजपा में शामिल होने की पेशकश की।
मिली जानकारी के अनुसार, रोहित ने कहा कि उन्हें 100 करोड़ रुपये की पेशकश की गई। उन्होंने इसी के साथ कहा कि यह आफर देने वाले भाजपा से संबंधित हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अगर वह भाजपा में शामिल नहीं होते हैं तो उन्हें आपराधिक मामलों और ईडी / सीबीआई द्वारा छापे मारने की धमकी दी गई थी।
पार्टी बदलने के लिए पैसे और पद का लालच दिया : साइबराबाद के पुलिस आयुक्त स्टीफन रवींद्र ने बताया कि टीआरएस विधायकों ने उन्हें जानकारी दी थी कि तीनों उन्हें कई तरह के प्रस्तावों के साथ लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस अधिकारी ने कहा कि टीआरएस के चार विधायकों- जी बलाराजू, बी हर्षवर्धन रेड्डी, आर कांथा राव और रोहित रेड्डी को कथित तौर पर पार्टी बदलने के लिए नकदी, पद और अन्य प्रोत्साहन की पेशकश की जा रही थी।
संपादन: अनिल मनोचा