नयी दिल्ली/बेंगलुरु, पीटीआई। कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने दिवाली पर पत्रकारों को एक लाख रुपये नकद उपहार भेजकर उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की है। इसलिए उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज हो।
कांग्रेस ने सीएम के इस्तीफे की मांग करते हुए ‘स्वीट बॉक्स रिश्वत’ की न्यायिक जांच की भी मांग की। वहीं, सीएमओ के सूत्रों के अनुसार, बोम्मई ने कहा है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि पत्रकारों को ‘नकद’ दिया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार, नई दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘बोम्मई सरकार की रिश्वतखोरी अब खुलेआम सामने आ रही है। इस बार, बोम्मई ने गुप्त रूप से, खुले तौर पर और षड्यंत्रकारी अंदाज में कर्नाटक के प्रत्येक पत्रकार को एक लाख नकद भेजकर पूरी पत्रकार बिरादरी को रिश्वत देने की कोशिश की। हमारे पत्रकार मित्रों को सलाम, जिन्होंने खुले तौर पर रिश्वतखोरी का पर्दाफाश किया।’
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि यह पहली बार नहीं है कि 40 प्रतिशत ‘भ्रष्ट बोम्मई सरकार’ ने ऐसा करने का प्रयास किया है। उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक में भाजपा सरकार ‘PayCM’ अभियान के लिए बदनाम हो गई है, जिसे कर्नाटक के लोगों ने शुरू किया है।
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि राज्य में भाजपा सरकार के तहत भर्ती, पोस्टिंग और अनुबंधों में रिश्वतखोरी हुई है। उन्होंने कहा, ‘नवीनतम मुख्यमंत्री पत्रकारों को रिश्वत देने की कोशिश कर रहे हैं। पैसा कहां से आया है? क्या यह 1 लाख रुपये सरकारी खजाने से निकाले गए थे और फिर दिवाली पर पत्रकारों को भेजने के लिए एक पैकेट में रखा गया था या यह आपकी निजी किटी से आया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर सीएम रिश्वतखोरी में शामिल हैं तो राज्य की रक्षा कौन करेगा। उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री बोम्मई को पत्रकार घोटाले में रिश्वतखोरी में रंगे हाथों पकड़ा गया है। बोम्मई के खिलाफ रिश्वत की पेशकश के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया जाना है और उन्हें तुरंत इस्तीफा देना होगा।’
इससे पहले एक ट्वीट में सुरजेवाला ने कहा, ’40 फीसदी सरकार 1 लाख नकद के साथ पत्रकारों को रिश्वत देना चाहती है! क्या बोम्मई जवाब देंगे- 1. क्या यह सीएम द्वारा ‘रिश्वत’ की पेशकश नहीं की जा रही है? 2. स्रोत क्या है 1,00,000 का? क्या यह सरकारी खजाने से आया है या स्वयं मुख्यमंत्री से? 3. क्या ईडी/आईटी इस पर ध्यान देंगे?’ कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कहा कि राज्य के लोगों को पता होना चाहिए कि कितना पैसा रिश्वत के रूप में दिया गया, कितना मिला, कितना वापस किया गया।
संपादन: अनिल मनोचा