विवादित बयान; एक के बाद एक विवादित बयान देकर सुर्खियों में आईं भारतीय मूल की ब्रिटिश गृहमंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने बुधवार को भारत के राजदूत विक्रम दुरैस्वामी से मुलाकात की। ब्रेवरमैन ने देश के समुद्री तटों पर पहुंच रहे शरणार्थियों की संख्या बढ़ने को सीमा पर घुसपैठ बताया था। इसके अलावा उन्होंने भारतीय प्रवासियों को लेकर भी अजीब बयान दिया था। अपने बयानों को लेकर विपक्ष और शरणार्थियों के पैरोकारों की आलोचना का सामना कर रही हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, सुएला ब्रेवरमैन और भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दुरैस्वामी की बैठक का एजेंडा प्रवासन एवं सुरक्षा मुद्दों पर परस्पर सहयोग था। करीब एक महीने पहले ही ब्रेवरमैन ने वीजा की निर्धारित अवधि से अधिक समय तक ठहरने वाले भारतीयों के बारे में विवादास्पद टिप्पणी की थी। भारतीय उच्चायुक्त ने भारत-ब्रिटेन सुरक्षा साझेदारी पर चर्चा करने तथा भारत-ब्रिटेन प्रवासन एवं गतिशीलता साझेदारी (एमएमपी) के तहत ‘बात आगे बढ़ाने’ के लिए मंगलवार को भारतीय मूल की कैबिनेट मंत्री ब्रेवरमैन से भेंट की।
दोनों के बीच यह भेंटवार्ता पिछले महीने ब्रेवरमैन द्वारा दिये गये विवादास्पद बयान के बाद हुई है। इस बयान में कथित रूप से कहा गया था कि एमएमपी भारत से अवैध प्रवासन तथा निर्धारित वीजा अवधि से अधिक समय तक ठहरने पर रोक नहीं लगा पा रहा है। इस भेंट के बाद लंदन में भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया, ‘‘ उच्चायुक्त विक्रम दुरैस्वामी ने भारत-ब्रिटेन सुरक्षा साझेदारी पर चर्चा करने तथा भारत-ब्रिटेन प्रवासन एवं गतिशीलता साझेदारी (एमएमपी) के तहत ‘बात आगे बढ़ाने’ के लिए मंगलवार को भारतीय मूल की कैबिनेट मंत्री ब्रेवरमैन से भेंट की।’’
ब्रेवरमैन ने उसके जवाब में भारत एवं ब्रिटेन के बीच ‘मजबूत साझेदारी’ का जिक्र किया। बैठक के बाद उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सुरक्षा एवं प्रवासन समेत परस्पर साझे हितों पर अपने दोस्तों के साथ मिलकर काम करने के लिए मैं आशान्वित हूं।’’ इसे सुलहभरे कदम के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि भारतीय मिशन ने गृह मंत्री के इस आरोप का प्रतिवाद किया था कि अवैध प्रवासन पर बेहतर सहयोग के लिए भारत सरकार के साथ किए गए करार ने ‘अच्छी तरह काम नहीं किया है।’’
भारतीय उच्चायोग ने पिछले महीने एक बयान में कहा था, ‘‘ गृह मंत्रालय द्वारा साझा किये गये आंकड़े के मुताबिक आजतक, उच्चायोग के पास भेजे गये सभी मामलों पर कार्रवाई की गयी है। इसके अलावा, ब्रिटेन ने भी प्रवासन एवं गतिशीलता संधि के तहत कुछ कटिबद्धताओं को पूरा करने के लिए कदम बढ़ाये हैं और हमें उल्लेखनीय प्रगति का इंतजार है ।’’
दरअसल एक व्यापक धारणा थी कि पूर्व प्रधानंमत्री लिज ट्रस के मंत्रिमंडल में गृहमंत्री रहीं ब्रेवरमैन ने भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार संधि वार्ता को पटरी से उतार दिया था। उन्होंने आशंका व्यक्त की थी कि यह भारतीयों के लिए ‘खुली सीमा’ नीति होगी। तब उन्होंने कहा था ‘‘इस देश में प्रवास देखिए … वीजा अवधि से अधिक समय तक रहने वाले लोगों में सबसे बड़ा समूह भारतीय प्रवासियों का है।’’
संपादन: अनिल मनोचा