उत्तराखंड; आज मंगलवार को कार्तिक पूर्णमा के मौके पर साल का अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। सुबह से ही ग्रहण का सूतक लगने के कारण सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। ग्रहण के बाद मोक्षकाल में शाम को मंदिर खुलने के बाद श्रद्धालु फिर से पूजा-अर्चना कर सकेंगे।
देहरादून में भी टपकेश्वर मंदिर, पृथ्वीनाथ मंदिर व ऋषिकेश में लक्ष्मणझूला, मुनिकीरेती और स्वर्गाश्रम क्षेत्र में संचालित एतिहासिक मठ मंदिरों के कपाट चंद्रग्रहण से पहले बंद कर दिए गए हैं। चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद भी मंदिरों के कपाट खुलेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार, यह ग्रहण भारत के सभी भागों में दिखाई देगा। भारतीय समय के अनुसार वैसे तो चंद्रग्रहण दोपहर 2:40 से 6:20 के मध्य दिखाई देगा। लेकिन उत्तराखंड में यह शाम 5:32 से शुरू होगा। वहीं, हरिद्वार में यह ग्रहण 5:22 बजे से प्रभावी होगा और 6:19 बजे तक रहेगा। इसलिए श्रद्धालु इस अवधि में गंगा स्नान न करें।
आज लगने वाला ग्रहण भरणी नक्षत्र और मेष राशि के चंद्रमा में घटित होगा। कार्तिक मास में चंद्र ग्रहण होने से शुभता रहती हैं। अन्य औषधि फल आदि के उत्पादन में वृद्धि के योग होते हैं। भरणी नक्षत्र में चंद्रग्रहण होने से वस्त्रों के भाव में तेजी व्यापारियों को लाभ होता है।
बदरीनाथ धाम के कपाट सुबह पूजा और भोग के बाद 8:15 बजे बंद कर दिए गए। शाम 6 बजकर 25 मिनट पर घंटी बजने के बाद 6:30 बजे मंदिर का शुद्धिकरण होगा। इसके बाद शाम 6:45 बजे मंदिर के कपाट खोलकर पूजा की जाएगी।
नैनीताल में मां नयना देवी मंदिर के कपाट भी सुबह बंद कर दिए गए। मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी सुरेश मेलकानी ने बताया कि भारत में चंद्र ग्रहण और इसके सूतक काल के चलते मंदिर के कपाट सुबह आठ बजे से बंद किए गए। कपाट शाम साढ़े सात बजे तक बंद रहेंगे।
संपादन: अनिल मनोचा