उत्तराखंड; कोरोनाकाल के दो साल बाद बिना बंदिशों के चली चारधाम यात्रा ने इस साल नया रिकॉर्ड बनाया है। पहली बार चारों धामों में करीब 46 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए। 19 नवंबर यानी शनिवार को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा समाप्त हो गई। अगले छह माह अब शीतकालीन प्रवासों पर पूजा अर्चना की जाएगी। ऐसे में सरकार का फोकस अब शीतकालीन चारधाम यात्रा पर रहेगा।
इससे पूर्व 26 अक्तूबर को गंगोत्री धाम, 27 अक्तूबर को केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट विधि विधान के साथ बंद किए गए। गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन प्रवास मुखबा, यमुनोत्री के खरसाली, केदारनाथ के ऊखीमठ और बदरीनाथ धाम के जोशीमठ व पांडुकेश्वर में पूजा की जाएगी। इस बार चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के पंजीकरण को अनिवार्य किया गया था।
इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से ऑनलाइन व ऑफलाइन के साथ मोबाइल एप की व्यवस्था की गई थी। पंजीकरण के सत्यापन के लिए हेमकुंड साहिब समेत चारधामों में कर्मचारी तैनात किए गए थे। यह व्यवस्था चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या का आकलन करने के लिए लागू की गई थी, ताकि किसी भी धाम में एक साथ अचानक बड़ी संख्या में तीर्थयात्री न पहुंचे और उन्हें किसी भी तरह की परेशानी से बचाया जा सके।
मिली जानकारी के अनुसार, चारधाम यात्रा के दौरान सरकार की ओर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के दावों के बीच विभिन्न कारणों से 281 श्रद्धालुओं की मौत भी हुई। यात्राकाल में स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा मार्गों में नौ स्थानों पर हेल्थ स्क्रीनिंग शुरू की थी। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठंड और ऑक्सीजन की कमी से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव को देखते हुए 30 डॉक्टरों को उपचार के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा हृदय रोगियों के लिए 12 डाक्टरों को कॉर्डियोलॉजी ट्रेनिंग देकर तैनात किया गया था। तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के लिए पर्यटन विभाग की ओर से टोल फ्री नंबर 1364 भी जारी किया गया।
अब सरकार का फोकस शीतकालीन यात्रा पर: महाराज : पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा ने नया रिकॉर्ड बनाया है। अब सरकार का फोकस शीतकालीन चारधाम यात्रा पर है। इसमें तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा। उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन के साथ साहसिक पर्यटन भी लोगों की पहली पसंद बन रहा है। इससे प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों व तीर्थयात्रियों को हर सुविधा व सेवा देने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है।
संपादन: अनिल मनोचा