उत्तराखण्ड; विधानसभा सत्र के दौरान सदन में उस समय अजीब स्थिति बन गई जब अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण सदन में पहुंचीं और वहां सत्ता पक्ष और विपक्ष के अधिकांश विधायक मौजूद नहीं थे। उनकी गैरमौजूदगी में उन्हें सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
मिली जानकारी के अनुसार, तब ये सवाल उठा कि आखिर 30 मिनट तक विपक्ष के अधिकांश विधायक कहां गायब हो गए? बाद में खुलासा हुआ कि वे सभी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास पहुंचे थे। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में विपक्षी विधायकों ने मुख्यमंत्री से विधायक विकास निधि के संबंध में दो अनुरोध किए।
उन्होंने विधायक विकास निधि को बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये करने की मांग की। वर्तमान में यह 3.75 करोड़ रुपये है लेकिन सदस्यों को ये नाकाफी लग रही है। विधायकों ने दूसरा दर्द विधायक निधि के कार्यों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने विपक्षी सदस्यों की दोनों ही मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया।
विधायक निधि पर सरकार करेगी विचार : विधायकों के अनुरोध पर मुख्यमंत्री विधायक विकास निधि से धार्मिक स्थलों के लिए दी जाने वाली 25 लाख की सीमा को बढ़ाकर 50 लाख करने का आश्वासन दिया। उन्होंने महिला व युवा मंगल दलों को दी जाने वाली विधायक निधि की सीमा को बढ़ाए की मांग पर भी विचार करने का भरोसा दिया।
तीन बार सदन हुआ स्थगित : भोजनावकाश के बाद तीन बजे सदन की कार्यवाही शुरू होनी थी लेकिन किन्हीं कारणों से सदन की कार्यवाही 3.15 तक स्थगित कर दी गई। फिर 3.30 बजे तक सदन स्थगित हुआ। 3.30 बजे स्पीकर सदन में पहुंची लेकिन सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के अधिकांश विधायक उपस्थित नहीं थे। स्पीकर ने नियम 310 से नियम 58 में परिवर्तित कानून व्यवस्था की सूचना देने वाले विपक्षी सदस्यों के नाम पुकारे लेकिन उनमें से कोई मौजूद नहीं थे। सदन में मौजूद कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने कहा कि उन्हें सुन लिया जाए लेकिन स्पीकर ने सदन की कार्यवाही चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
संपादन : अनिल मनोचा