देहरादून; समय से पहले फिटनेस सेंटरों से वाहनों की फिटनेस अनिवार्य करने और 10 साल पुराने डीजल वाहनों को बंद करने के फैसले के विरोध में विक्रम, सिटी बस, निजी बस, ट्रक स्वामियों ने मंगलवार को चक्काजाम और प्रदर्शन किया। विधानसभा कूच देखकर पुलिस के हाथ पांव फूल गए। इस दौरान परिवहन व्यवसायियों ने चेताया कि सरकार ने फैसला वापस न लिया तो प्रदेशव्यापी उग्र आंदोलन शुरू कर देंगे।
मिली जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड विक्रम, ऑटो-रिक्शा परिवहन महासंघ के आह्वान पर देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, ऋषिकेश, विकासनगर और प्रदेश के अन्य शहरों से परिवहन कारोबारी रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल में एकत्र हुए। करीब 30 यूनियनों के पदाधिकारियों ने सरकार के डीजल वाहनों को खत्म करने का एक सुर से विरोध किया। वहीं, इस बात का भी विरोध जताया कि केंद्र के नोटिफिकेशन से इतर सरकार ने वाहनों की ऑटोमेटेड फिटनेस शुरू की है।
इसके बाद बड़ी संख्या में परिवहन कारोबारियों ने विधानसभा कूच किया। विधानसभा से ठीक पहले ही उन्हें पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया। इस दौरान पुलिस के साथ नोकझोंक और धक्कामुक्की भी हुई। बाद में कारोबारियों ने एसडीएम के जरिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा। उधर, कांग्रेस विधायक ममता राकेश और पूर्व विधायक राजकुमार ने भी आंदोलनकारियों को समर्थन दिया।
हाथ में कटोरा लेकर किया कूच : परिवहन कारोबारियों ने हाथ में कटोरा लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विधानसभा कूच किया। उनका कहना था कि सरकार अपने फैसलों से उन्हें भीख मांगने वाली स्थिति में पहुंचाना चाहती है।