दिल्ली; नगर निगम यानी एमसीडी के चुनाव नतीजों की तस्वीर साफ हो चुकी है। 15 साल बाद एमसीडी भाजपा के हाथ से फिसल गई है। 134 सीटें आम आदमी पार्टी को मिल गई हैं। भाजपा और कांग्रेस ने इस चुनाव में अपनी जमीन खोई है।
मिली जानकारी के अनुसार, जब सुबह आठ बजे रुझान आने शुरू हुए तो भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच बराबरी का मुकाबला दिखा। इसके बाद आप 40 सीटों तक पहुंच गई। वहीं, भाजपा 15 सीटों के साथ रुझानों में पिछड़ती दिखी। इसके बाद एक बार भाजपा 104 और फिर 126 सीटों के साथ आगे निकल गई। बाद में दोनों पार्टियों में बराबरी का मुकाबला नजर आया। हालांकि, सुबह 10:30 बजे के बाद तस्वीर लगभग साफ हो गई। रुझानों में आम आदमी पार्टी 30 सीटों की बढ़त के साथ आगे निकल गई।
दिल्ली नगर निगम में जनता पार्षदों को पांच साल के लिए चुनती है। जीते हुए पार्षद हर साल नया महापौर चुनते हैं। पहले साल किसी महिला को महापौर चुना जाता है। तीसरे साल अनुसूचित जाति वर्ग से महापौर चुना जाता है।
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के पास 56 फीसदी वोट शेयर था और उसने सभी सात सीटें जीती थीं। कांग्रेस के पास 22 फीसदी और आम आदमी पार्टी के पास 18 फीसदी वोटर शेयर था। इसके बाद 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 53 फीसदी वोट हासिल कर 62 सीटें जीती थीं। भाजपा ने महज आठ सीटें जीती थीं, लेकिन उसका वोट शेयर 38 फीसदी रहा। एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी के वोट प्रतिशत में बड़ी उछाल के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली में मुकाबला दिलचस्प हो सकता है।
संपादन: अनिल मनोचा