उत्तराखंड; कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के निजी सचिव आईपी सिंह और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के प्रमुख अभियंता अयाज अहमद के खिलाफ डालनवाला थाने में धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि आईपी सिंह ने मंत्री के फर्जी हस्ताक्षर कर अयाज अहमद को पीडब्ल्यूडी चीफ के पद पर नियुक्त करने का अनुमोदन कर दिया था। इसके बाद अयाज पीडब्ल्यूडी चीफ बना दिए गए। मामला सामने आने पर इसकी जांच कराई गई।
मिली जानकारी के अनुसार, मंत्री सतपाल महाराज के जनसंपर्क अधिकारी कृष्ण मोहन ने एसएसपी से शिकायत कर बताया कि पांच मई 2022 को पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष के लिए इंजीनियर अयाज अहमद का ऑनलाइन प्रस्ताव आया था। इस पर मंत्री को अनुमोदन करना था। इसके बाद फाइल मुख्यमंत्री के पास भेजी जाती। लेकिन, उस वक्त मंत्री विदेश दौरे पर थे। ऐसे में इस पर फैसला नहीं लिया गया। मंत्री 14 मई को लौटे और आराम करने के लिए म्यूनिसिपल रोड स्थित अपने आवास पर चले गए।
अगले दिन रविवार था तो मंत्री उस दिन भी अपने निजी आवास पर ही थे। आईपी सिंह इस बात का फायदा उठाकर मंत्री के अधिकारिक आवास पर गए थे। उन्होंने मंत्री से बिना मंत्रणा किए अयाज अहमद के ऑनलाइन प्रस्ताव पर मंत्री के फर्जी हस्ताक्षर कर दिए। उन्होंने इस पर अनुमोदित भी लिख दिया। इसके बाद फाइल पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव के पास भेज दी।
जबकि, इस काम के लिए आईपी सिंह अधिकृत नहीं थे। शासन में इस अनुमोदन के आधार पर फाइल मुख्यमंत्री के पास भेज दी गई और अयाज अहमद को पीडब्ल्यूडी का चीफ बना दिया गया। इंस्पेक्टर एनके भट्ट ने बताया कि आईपी सिंह और अयाज अहमद के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
मंत्री के स्टाफ से हटाए गए आईपी सिंह : इस मामले की जांच कराई गई थी। जांच के बाद मुख्य सचिव ने आईपी सिंह को मंत्री के स्टाफ से हटा दिया है। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं।
संपादन: अनिल मनोचा