उत्तराखंड; रोडवेज की पर्वतीय डिपो की बसों में खराबी की वजह से पहिये थम रहे हैं। परिवहन निगम की टायर फैक्टरी बंद पड़ी है। स्पेयर पार्ट्स भी उपलब्ध नहीं हैं। इस वजह से जो बस खराब हो रही है, वह खड़ी हो रही है। हालांकि, परिवहन निगम का दावा है कि दो से तीन दिन में व्यवस्थाएं ठीक हो जाएंगी।
मिली जानकारी के अनुसार, परिवहन निगम के महाप्रबंधक संचालन एवं तकनीकी दीपक जैन ने बताया कि कुछ दिक्कतों की वजह से यह स्थिति पैदा हुई। उन्होंने बताया कि एक-दो दिन में व्यवस्थाओं में सुधार हो जाएगा। टायर की फैक्टरी भी चल जाएगी।
कमानी की जगह क्लिप, रोजाना 15-20 बसें ऑफरूट : परिवहन निगम पर्वतीय डिपो की रोजाना औसतन 15 से 20 बसें ऑफरूट हो रही हैं। जब इन बसों की कार्यशाला में रिपोर्ट चेक की गई तो पता चला कि ज्यादातर बसों के पहिये टायर या कमानी की कमी की वजह से थम रहे हैं। कमानी न होने की वजह से क्लिप से काम चल रहा है। स्पेयर पार्ट्स मांगने पर भी नहीं दिए जा रहे क्योंकि निगम के पास उपलब्ध नहीं हैं।
टायर की फैक्टरी तीन माह से पड़ी बंद : परिवहन निगम की कार्यशाला में बनी टायर की फैक्टरी तीन माह से बंद पड़ी हुई है। इस वजह से बसों के टायरों पर रबड़ नहीं चढ़ पा रही। फैक्टरी के आसपास टायरों का ढेर लग गया है। कार्यशाला कर्मचारियों का कहना है कि फैक्टरी के संचालन की दिक्कतों पर परिवहन निगम का ध्यान ही नहीं है। पर्वतीय डिपो की बसें पहाड़ की कनेक्टिविटी को मजबूत करती हैं। ऐसे में परेशानी आना लाजिमी है। वहीं, ड्राइवर-कंडक्टरों के लिए भी बस संचालन प्रभावित होने की वजह से काफी मुश्किल समय है।
संपादन: अनिल मनोचा