May 25, 2025

Devsaral Darpan

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जोशीमठ संकट- जोशीमठ शहर में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार जा रही है बढ़ती, कुल छह सौ अटहत्तर भवन किए जा चुके हैं चिह्नित !!

जोशीमठ संकट;  जोशीमठ शहर में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक कुल छह सौ अटहत्तर भवन चिह्नित किए जा चुके हैं। सीबीआरआई की टीम ने सोमवार को मलारी इन और माउंट व्यू होटल का सर्वे किया था। आज इन दोनों होटलों से भवनों को ढहाने की शुरुआत होगी। इन होटलों को अत्यधिक क्षति पहुंची है।

मिली जानकारी के अनुसार,  राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति ने मंगलवार को जोशीमठ में इमारतों और अन्य ढांचों में दरारें आने की स्थिति की समीक्षा की और इस बात पर जोर दिया कि सभी निवासियों को पूर्ण और सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए तत्काल प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

भू-धंसाव की चपेट में आए जोशीमठ में शासन के आदेश के बावजूद मंगलवार को भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई। जिला प्रशासन की टीम लाव-लश्कर के साथ भवन तोड़ने पहुंची तो प्रभावित लोग विरोध में उतर आए। ऐसे में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई बुधवार तक के लिए टाल दी गई। इस दिनभर अफरातफरी का माहौल रहा।

जोशीमठ में मंगलवार को होटल माउंट व्यू और मलारी इन को ध्वस्त किया जाना था, लेकिन होटल स्वामियों ने कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया। उनका कहना था कि आर्थिक मूल्यांकन नहीं किया गया, साथ ही नोटिस तक नहीं दिए गए। विरोध बढ़ने पर प्रशासन को कदम पीछे खींचने पड़े। हालांकि अधिकारियों का कहना कुछ और ही है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत सिन्हा ने कहा कि ऊंचे भवनों को तोड़ने के लिए क्रेन की आवश्यकता है, जो वहां नहीं मिल पाई। इसलिए देहरादून से क्रेन भेजी गई है, जो बुधवार को वहां पहुंच जाएगी।

वहीं, सचिव मुख्यमंत्री मिनाक्षी सुंदरम ने कहा कि सीबीआरआई की टीम देरी से मौके पर पहुंची, इसलिए पहले दिन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई। उधर, मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधू ने मंगलवार को अधिकारियों की बैठक लेकर पुन: खतरनाक स्थिति में पहुंच चुके भवनों को प्राथमिकता के आधार पर ढहाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एक भी भवन ऐसा नहीं रहे, जिसमें रहने से जानमाल का नुकसान हो सकता है।

संपादन: अनिल मनोचा

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