उत्तराखण्ड; मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, भर्ती परीक्षाओं में नकल करने में संलिप्त अभ्यर्थी 10 साल तक किसी भी भर्ती परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे। सरकार की ओर से सख्त नकल विरोधी कानून में यह प्रावधान किया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, रविवार को चंपावत में मीडिया से बातचीत में सीएम ने कहा, सरकार देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून बनाने जा रही है। कैबिनेट में निर्णय लिया जा चुका है। इस कानून में अपराधियों को उम्रकैद के साथ संपत्ति भी जब्त की जाएगी।
जो अभ्यर्थी नकल में संलिप्त मिलेगा, उसे 10 साल तक किसी भी परीक्षा में बैठने से अयोग्य कर दिया जाएगा। कहा, हम सिस्टम में सुधार कर रहे हैं। परीक्षाओं की धांधली में शामिल लोगों को कानून की गिरफ्त में लाया गया है। साथ ही उन पर कड़ी कार्रवाई भी की गई है।
पहले परीक्षाओं में गड़बड़ियों का पता ही नहीं लगता था। अगर पता लगता भी था, तो कोई कार्रवाई नहीं होती थी। हमने गड़बड़ी करने वालों को जेल भेजा और उनकी संपत्तियों को ध्वस्त किया। सीएम ने कहा, हमने मुखबिर तंत्र को मजबूत किया है।
भर्ती परीक्षाओं में धांधली का पता लगाने के साथ गड़बड़ी करने वालों को गिरफ्तार भी किया जा रहा है। सरकार प्रदेश के युवाओं के साथ कोई अन्याय नहीं होने देगी। अब ये तो साफ है कि गड़बड़ी करके कोई बच नहीं सकता।
संपादन: अनिल मनोचा