उत्तराखंड; उत्तराखंड कांग्रेस में एआईसीसी की सूची जारी होते ही घमासान शुरू हो गया। सूची में कई वरिष्ठ नेताओं के नाम गायब हैं तो कुछ ऐसे नाम शामिल किए गए हैं, जिनका यहां से कोई सरोकार नहीं है। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन्हें जिम्मेदार बताया है। प्रीतम के अनुसार, प्रभारी ऐसा करके उत्तराखंड में कांग्रेस को कमजोर करने का काम कर रहे हैं।
उधर, सूची में उत्तरकाशी और चंपावत जिला पूरी तरह से नदारद है। दोनों जिलों के किसी भी नेता को सूची में स्थान नहीं दिया गया है। एआईसीसी की सूची में उत्तराखंड कांग्रेस के कई दिग्गज जगह नहीं बना पाए। पहले से ही खेमों में बंटी कांग्रेस में इस सूची के जारी होने के बाद अंदरूनी कलह और गहरा सकती है।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम ने तो पहले ही दिन मोर्चा खोला दिया। उनके निशाने पर प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव रहे। कहा, प्रभारी के इस कृत्य से उत्तराखंड में कांग्रेस मजबूत नहीं, बल्कि पार्टी को बड़ा नुकसान होगा। कहा, सूची जारी करने से पहले प्रभारी की ओर से किसी से सलाह मशविरा नहीं किया गया।
यह निर्णय हमारे गले से नीचे नहीं उतर रहा है। पार्टी के तमाम साथी सूची को लेकर सवाल उठा रहे हैं। कहा, समय आने पर वह राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने अपनी बात रखेंगे। सूची में शामिल गुरदीप सिंह सप्पल का नाम लेते हुए प्रीतम ने कहा, उनका उत्तराखंड की राजनीति से कोई सरोकार नहीं है, फिर भी उनका नाम है।प्रभारी यहां खुद पार्टी बने हुए हैं… : प्रीतम ने कहा, प्रभारी देवेंद्र यादव अपनी मर्जी से ही पार्टी चलाना चाहते हैं। वह खुद एक पार्टी बने हुए हैं। वह अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर रहे हैं। एक पक्षीय निर्णय लेकर पार्टी को कमजोर करने का काम कर रहे हैं। उनके कृत्यों से कार्यकर्ता हतोत्साहित हैं।
निकाय और आम चुनाव में पड़ेगा असर : प्रीतम ने कहा, आने वाले समय में कैंट बोर्ड, निकाय और फिर लोकसभा के चुनाव होने हैं। इस वक्त जब प्रभारी को चुनावों के मद्देनजर यहां आकर कार्यकर्ताओं से बात करनी चाहिए, तब वह दिल्ली में बैठकर तुगलकी फरमान जारी कर रहे हैं। आने वाले चुनावों पर निश्चित तौर पर इसका असर पड़ेगा।
पांच विधायकों सहित कई दिग्गजों के नाम बाहर : एआईसीसी सदस्यों की सूची में पांच विधायकों तिलक राज बेहड़, मदन बिष्ट, मयूख महर, खुशाल सिंह अधिकारी और गोपाल राणा का नाम भी शामिल नहीं है। इसके अलावा गोविंद सिंह कुंजवाल, दिनेश अग्रवाल, सुरेंद्र सिंह नेगी, प्रो. जीत राम, विजयपाल सजवाण, राजकुमार जैसे वरिष्ठ नेताओं के नाम भी शामिल नहीं हैं।
उत्तराखंड कांग्रेस में घमासान मचना तय : प्रीतम सिंह प्रभारी देवेंद्र यादव पर मनमानी और पार्टी को कमजोर करने का आरोप पहले भी लगाते रहे हैं। इस बार फिर प्रीतम ने जिस अंदाज में देवेंद्र के खिलाफ मोर्चा खोला है, उससे तय है कि आने वाले दिनों पार्टी के भीतर इस मुद्दे को लेकर घमासान मच सकता है।