उत्तराखण्ड; एकल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार एक लाख रुपये तक की योजनाओं पर 50 प्रतिशत सब्सिडी देने की तैयारी में है। इससे पशुपालन, मत्स्य पालन, कंप्यूटर प्रशिक्षण, मसाला उद्योग, मिलेट्स सहित विभिन्न क्षेत्रों में स्वरोजगार के लिए बढ़ावा मिलेगा। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
महिला दिवस पर आठ मार्च को इसका एलान हो सकता है। प्रदेश की 45 वर्ष तक की ऐसी महिलाएं, जिसके पति की मौत हो गई है या फिर अविवाहित हैं और आर्थिक रूप से कमजोर हैं। ऐसी महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा। इसके लिए यह भी शर्त रखी गई है कि महिलाओं की मासिक आय छह हजार रुपये से अधिक न हो।
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक समाज कल्याण विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में एकल महिलाओं की संख्या साढ़े तीन लाख है। इसमें 45 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं भी शामिल हैं। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य के मुताबिक आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को सशक्त बनाया जा सके, इसके लिए विभाग की ओर से कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इस तरह की महिलाओं की संख्या डेढ़ से दो लाख के बीच हो सकती है।
इन पर घोषणा हुई पर नहीं हुआ अमल : प्रदेश में तीलू रौतेली और आंगनबाड़ी पुरस्कार की राशि बढ़ाए जाने की घोषणा के बावजूद इस पर अमल नहीं हुआ। वर्ष 2022 में सरकार की ओर से इसकी घोषणा की गई थी कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और तीलू रौतेली पुरस्कार की राशि को समान रूप से बढ़ाकर 51 हजार रुपये किया जाएगा। वर्तमान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पुरस्कार की राशि 21 हजार और तीलू रौतेली पुरस्कार की राशि 31 हजार रुपये है।