उत्तराखंड; पिथौरागढ़ में पीलिया के मामले का संज्ञान लेते हुए अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेशभर के सभी कुओं के पानी की जांच करें और क्लोरीफिकेशन किया जाए। उन्होंने नालियों के बीच से गुजरने वाली पेयजल लाइनों की जांच के भी निर्देश दिए। साथ ही सभी जिलाधिकारियों को कहा कि वे जल जीवन मिशन के कार्यों की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेते हुए हर हाल में मार्च 2024 से पहले इसे पूरा करें।
बुधवार को सचिवालय में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जल जीवन मिशन की प्रगति समीक्षा की। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को राज्य के प्रत्येक स्कूल, आंगनबाड़ी, पंचायत घर, पब्लिक वेलनेस सेंटर में जल आपूर्ति, वॉश बेसिन, शौचालय सुनिश्चित करने, प्रत्येक गांव में आपूर्ति किये जाने वाले जल की गुणवत्ता की जांच के निर्देश दिए।
नालियों की पेयजल लाइनों की जांच : अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को जल जीवन मिशन के संबंध में फॉरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों को शीघ्र निस्तारण करने को कहा। उन्होंने जिलों में जल जीवन मिशन की लगातार निगरानी के भी निर्देश दिए। उन्होंने राज्य के शहरी क्षेत्रों में नालियों से गुजरने वाली पुरानी पाइपलाइन की जांच के भी निर्देश पेयजल विभाग एवं जल संस्थान को दिए। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट किया कि जल जीवन मिशन के संबंध में स्वीकृत डीपीआर और पूर्ण कार्यों के बीच अंतर नहीं होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन एजेंसियों के कार्यों की भी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए कहा।
जल जीवन मिशन का 73.80 प्रतिशत काम पूरा : बैठक में सचिव पेयजल नितेश झा ने बताया कि जल जीवन मिशन के राज्य में 73.80 काम हो चुका है। इसके तहत 14,94,304 घरों तक पानी पहुंचाया जाना है। तीन जिलों में यह 90 से 100 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। हर घर जल वाले कुल गांव 2546 हैं। राज्य में जल जीवन मिशन के तहत कुल अनुमोदित डीपीआर 16,337 हैं, जिनमें से 9771 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं।