उत्तराखंड; प्रदेश में खेल एसोसिएशन से जुड़े खिलाड़ियों को खेल विभाग की ओर से चार साल से किट एवं अन्य सुविधाएं नहीं मिली हैं। यह हाल तब है जबकि सरकार अगले साल उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन कराने जा रही है।प्रदेश में विभिन्न खेल एसोसिएशन से जुड़े खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग के लिए खेल विभाग की ओर से किट एवं आने-जाने का खर्च दिया जाता रहा है।
राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से पहले इसकी तैयारी के लिए कैंप भी लगाए जाते हैं लेकिन उत्तराखंड में खिलाड़ियों के राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग के लिए विभिन्न खेल एसोसिएशन अपने स्तर से किट, ट्रैक शूट एवं खिलाड़ियों के आने-जाने का खर्च वहन कर रही है। उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव डीके सिंह के मुताबिक राष्ट्रीय चैंपियनशिप में जब प्रदेश का प्रतिनिधित्व कोई टीम करती है और ओपनिंग सेरेमनी में देशभर की मीडिया होती है।
ऐसे में उत्तराखंड के खिलाड़ी वहां बिना ट्रैक सूट में जाते हैं तो इससे कहीं न कहीं प्रदेश की गरिमा को ठेस पहुंचती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ओलंपिक संघ से जुड़ी विभिन्न खेल एसोसिएशन खिलाड़ियों के लिए किट और आने-जाने का खर्च खुद वहन कर रही है। राष्ट्रीय खेलों से पहले खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाए जाते हैं लेकिन यह प्रशिक्षण शिविर भी खेल विभाग की ओर से कुछ चयनित खेलों को दिए जाते हैं।
डीके सिंह के मुताबिक उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन से तीस से अधिक खेल एसोसिएशन जुड़ी हैं लेकिन किसी भी एसोसिएशन की ओर से राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग के लिए खिलाड़ियों से पैसा नहीं लिया जाता है। एसोसिएशन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी ने खिलाड़ियों से आने-जाने का पैसा लिया तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
प्रदेश में कोविड की वजह से खिलाड़ियों के लिए किट एवं अन्य सुविधाओं के लिए टेंडर नहीं हो पाए हैं। पहले हर साल इसके लिए टेंडर होते थे। -एसके सार्की संयुक्त निदेशक खेल