उत्तराखंड; उत्तराखंड में एकल महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए उन्हें गांव ही स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य के मुताबिक न्यूनतम 25 साल से लेकर अधिकतम 45 साल तक की महिलाएं योजना के लिए पात्र होंगी। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री के मुताबिक योजना का उद्देश्य महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करते हुए उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान कर उनके जीवन स्तर में सुधार लाना है।
इसके लिए अभी 50 लाख का काॅरपस फंड बनाया गया है। जिसे बढ़ाए जाने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। उत्तराखंड की मूल, स्थाई निवासी, एकल, विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा, अपराध एवं तेजाब पीड़ित महिलाएं मुख्यमंत्री एकल महिला सशक्त स्वरोजगार योजना के लिए पात्र होंगी।
पात्र महिला की मासिक आय 6000 रुपये प्रतिमाह से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा वे किसी भी संगठित सेवा, सरकारी, गैर सरकारी, सरकारी उपक्रम आदि में कार्यरत न हो। वे राजकीय, पारिवारिक पेंशन प्राप्त न करती हो। हालांकि कल्याणकारी योजनाओं से पेंशन पाने वाली विधवा, दिव्यांग आदि महिलाएं भी योजना के लिए पात्र होंगी।
महिलाओं को दो लाख के प्रोजेक्ट पर मिलेगा एक लाख का अनुदान
मुख्यमंत्री एकल महिला सशक्त स्वरोजगार योजना में महिलाओं को 50 हजार से लेकर दो लाख रुपये तक के प्रोजेक्ट पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले प्रथम किश्त के रूप में 50 प्रतिशत ऋण एवं 25 प्रतिशत अनुदान धनराशि दी जाएगी। जबकि प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने के तीन महीने बाद 50 प्रतिशत ऋण की वापसी की किश्त शुरू होगी। महिलाओं के सफलता पूर्वक 12 महीने तक एक प्रतिशत ब्याज की दर से ऋण की अदायगी के बाद द्वितीय किश्त के रूप में 25 प्रतिशत अनुदान की धनराशि दी जाएगी।
स्वरोजगार के लिए इस क्षेत्र में शुरू किया जा सकता है काम : एकल महिलाएं स्वरोजगार के लिए बागवानी, कृषि, कुक्कुट पालन, भेड, बकरी, पशुपालन, मत्स्य पालन, उद्यान, फल, खाद्य प्रसंस्करण एवं अन्य व्यवसाय शुरू कर सकती हैं।