December 23, 2024

Devsaral Darpan

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चारधाम यात्रा- तैनात डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मचारियों को दिया जाएगा प्रोत्साहन भत्ता, केंद्रीय स्वास्थ्य ने किया एलान !!

चारधाम यात्रा; चारधाम यात्रा में तैनात डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मचारियों को प्रोत्साहन भत्ता दिया जाएगा। पहली बार यात्रा ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों को प्रोत्साहन भत्ता देने की योजना बनाई गई है। बृहस्पतिवार को उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे पर देहरादून पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने प्रोत्साहन भत्ता देने का एलान किया।

कहा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए केंद्र की ओर से राज्य सरकार को हरसंभव मदद दी जाएगी। देहरादून पहुंच कर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने जाखन स्थित कैनाल रोड में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र में उपलब्ध दवाइयों के बारे में जानकारी ली।

राज्य सरकार को हरसंभव मदद मिलेगी : केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में देश दुनिया से श्रद्धालु केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए आते हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर किसी भी श्रद्धालु को कोई परेशानी न हो। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राज्य सरकार को हरसंभव मदद की जाएगी।

चारधाम यात्रा के लिए प्रदेश सरकार ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारी की है। यात्रा के दौरान तैनात डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मचारियों को प्रोत्साहन भत्ता देने की योजना है। इस मौके पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार भी मौजूद रहे।

जन औषधि केंद्र पर कैंसर की दवा 137 रुपये में : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दवा के अभाव में किसी की मौत न हो। इसके लिए प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने की योजना शुरू की गई है। इन केंद्रों पर मिलने वाली सस्ती दवाइयों से आम लोगों को राहत मिल रही है। कैंसर की दवा बाइक जुटा माइट बाजार में 800 रुपये में मिलती है, जबकि वही दवा जन औषधि केंद्र में 137 रुपये में उपलब्ध है। इसके अलावा बाजार में 400 रुपये में मिलने वाली सीटा गिल्बटिन दवा मात्र 60 रुपये में मिलती है। देश भर में 9500 से अधिक जन औषधि केंद्र संचालित हैं। प्रतिदिन 20 लाख लोग जन औषधि केंद्र में दवाई के लिए आते हैं।

नकली दवाएं बनाने वाली कंपनियों को बख्शा नहीं जाएगा : केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चिकित्सा सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा है। नकली दवाई बनाने वाली किसी भी कंपनी को बख्शा नहीं जाएगी। इसके लिए पूरे देश में डीजीसीआई के माध्यम से निरीक्षण कर सैंपलों की जांच कर रही है। नकली दवाई बनाने वाली फार्मा कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।

एक जिले में एक मेडिकल कॉलेज का कोई नियम नहीं : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एक सवाल के जवाब में स्पष्ट किया एक जिले में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने का कोई नियम नहीं है। बशर्ते मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए सुविधाओं को देखा जाता है, जिसमें 400 बेड क्षमता का अस्पताल, जिले की आबादी 10 लाख से अधिक होनी चाहिए।

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