देहरादून; स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में कोविड संक्रमण रोकने के लिए केंद्र व राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जाएगा। सभी अस्पतालों में संक्रमण की रोकथाम व बचाव के इंतजाम परखने के लिए 10 अप्रैल को मॉक ड्रिल किया जाएगा। वर्तमान में सरकारी अस्पतालों में 7703 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड और आरटीपीसीआर जांच के लिए 11 लैब संचालित हैं।
शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कोविड को लेकर सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक की। जिसमें स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अवगत कराया कि देश के कई राज्यों में संक्रमण बढ़ने पर प्रदेश सरकार अलर्ट है। कोरोना जांच और टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए।
चारधाम यात्रा को देखते हुए यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य व्यवस्थाएं भी चाक-चौबंद करने को कहा गया है। प्रदेश में कोरोना रोकथाम के लिए पर्याप्त संसाधन व प्रबंधन को परखने के लिए 10 अप्रैल को सभी चिकित्सा इकाइयों में मॉक ड्रिल की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या 98 है। वर्तमान में संक्रमण पूरी तरह से नियंत्रण में है। किसी भी चुनौती से निपटने के लिए राज्य तैयार है।
बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश, अपर सचिव अमनदीप कौर, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह, निदेशक एनएचएम डॉ. सरोज नैथानी, डॉ. सुजाता, डॉ. मीतू शाह आदि मौजूद थे।
प्रदेश में प्रतिदिन 13 से 15 हजार सैंपल की क्षमता : प्रदेश में कोविड की आरटीपीसीआर जांच के लिए 11 सरकारी लैब है। इसमें प्रतिदिन 13 से 15 हजार सैंपल जांच करने की क्षमता है। इसके अलावा राजकीय दून मेडिकल कॉलेज देहरादून, हल्द्वानी, अल्मोड़ा में जीनोम सीक्वेसिंग लैब स्थापित है। राजकीय चिकित्सालयों में कुल 7703 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड, 852 आईसीयू बेड, 1165 वेंटिलेटर उपलब्ध है।
वित्तीय खर्च की प्रत्येक माह होगी समीक्षा : स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विभागीय बजट समय पर खर्च हो। इसके लिए अब प्रत्येक माह समीक्षा की जाएगी। स्वीकृत बजट समय पर खर्च न कर पाने से लैप्स हो जाता है। जिससे कई महत्वपूर्ण योजनाएं अधर में लटक जाती है। चालू वित्तीय वर्ष से अंतिम महीनों में बजट खर्च करने की परिपाटी को खत्म करने के लिए प्रत्येक माह विभाग की समीक्षा की जाएगी।