उत्तराखंड; प्रदेश की सियासत में कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास की सादगी और सज्जनता की महक हमेशा बनी रहेगी। उनके सौम्य और मृदु भाषी व्यक्तित्व से हर कोई प्रभावित था। साथ ही पिछड़े, कमजोर और गरीब वर्ग के लिए वह एक उम्मीद की तरह थे। उनकी छवि बागेश्वर विधानसभा क्षेत्र में एक कद्दावर नेता के रूप में थी।
चंदन रामदास का राजनीति सफर 1997 में शुरू हुआ था। वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बागेश्वर नगर पालिका अध्यक्ष बने थे। राज्य गठन के बाद 2000 में भाजपा में शामिल होकर पार्टी के लिए एक सिपाही की तरह काम किया। 2007 में पहली बार बागेश्वर से विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद उनका जीत का सिलसिला जारी रहा।
2012, 2017 के बाद 2022 में चौथी बार विधायक बने। विधायक के रूप में उन्होंने कमजोर, गरीब वर्ग के लिए काम किया। पहली बार धामी सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री का ओहदा मिला। उन्हें समाज कल्याण, परिवहन और उद्योग जैसे महकमों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उनकी प्राथमिकता गरीब व कमजोर वर्ग के कल्याण के लिए रही। बीमारी से जूझने के बाद भी जनसेवा में सक्रिय रहे। उनकी सादगी और सज्जनता के हर कोई मुरीद था।