उत्तराखण्ड; मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मंजूरी के बाद समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का ड्राफ्ट तैयार कर रही विशेषज्ञ समिति का कार्यकाल चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। समिति का कार्यकाल 27 मई को समाप्त हो रहा था। गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। शासन ने विस्तार देने के साथ ही समिति से शीघ्र सिफारिश उपलब्ध कराने की अपेक्षा की है।
सीएम के निर्देश पर प्रदेश में समान नागरिक संहिता के परीक्षण एवं क्रियान्वयन के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। 27 मई 2022 को गठित इस समिति को छह महीने में ड्राफ्ट तैयार कर रिपोर्ट सरकार को देनी थी।
सिफारिशें मुख्यमंत्री को उपलब्ध कराएगी : फिर 28 नवंबर 2022 को समिति का कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया। इस हिसाब से समिति को 27 मई 2023 तक अपनी रिपोर्ट देनी थी, लेकिन अभी 75 फीसदी ड्राफ्ट ही तैयार हो पाया है। अपर सचिव (गृह) निवेदिता कुकरेती ने समिति का कार्यकाल फिर बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए हैं।
इसके मुताबिक, विशेषज्ञ समिति के वर्तमान कार्यों की प्रगति, विभिन्न स्रोतों से प्राप्त सुझावों के विश्लेषण के तहत समिति का कार्यकाल चार महीने के लिए बढ़ाया गया है। आदेश में कहा गया है कि समिति यशाशीघ्र अपनी सिफारिशें मुख्यमंत्री को उपलब्ध करा देगी।
30 जून तक समिति दे सकती है रिपोर्ट : शासन ने विशेषज्ञ समिति का कार्यकाल बेशक चार महीने के लिए बढ़ाया है, लेकिन संभावना है कि वह आगामी 30 जून तक यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को सौंप देगी। मुख्यमंत्री भी यह अपेक्षा कर रहे हैं कि उन्हें समिति की ड्राफ्ट रिपोर्ट इस तिथि तक मिल जाएगी।