वेणुगोपाल के आवास पर पहुंचने पर, शिवकुमार ने कहा था कि कहने के लिए कुछ भी नहीं है … हमने इसे आलाकमान पर छोड़ दिया है … आलाकमान फोन करेगा। मैं आराम करने जा रहा हूं। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर, शिवकुमार ने पहले कहा था, “कुछ नहीं, कोई चर्चा नहीं। बस प्रणाम…”सीएम के नाम को लेकर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ने दिल्ली में पूर्व सांसद राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी। राहुल गांधी को “जननायक” बताते हुए कांग्रेस ने ट्वीट किया कि कर्नाटक में भारी जीत के बाद राहुल गांधी ने डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया से मुलाकात की।
किन शर्तों पर माने, खुलासा नहीं : सूत्रों के अनुसार, शिवकुमार को छह अहम विभागों के साथ डिप्टी सीएम का प्रस्ताव दिया गया था। दूसरा प्रस्ताव सत्ता के बंटवारे का था। इसके तहत सिद्धारमैया को पहले दो व अगले तीन साल के लिए शिवकुमार को सीएम बनाने का प्रस्ताव था। शिवकुमार ने कहा था कि पहले उन्हें मौका दिया जाए। हालांकि, डिप्टी सीएम बनने के लिए वह किन शर्तों पर माने हैं, इसका खुलासा अभी नहीं हाे सका है।
राहुल व खरगे के आवास पर दिन भर चलता रहा बैठकों का दौर : बुधवार सुबह पहले सिद्धारमैया ने राहुल गांधी से मुलाकात की। उनके निकलने के कुछ देर बाद ही शिवकुमार पहुंच गए। सूत्रों का दावा है कि इसी दौरान शिवकुमार से सोनिया गांधी की फोन पर बात करवाई गई। भरोसा दिलाने की कोशिश की गई कि उनका त्याग बेकार नहीं जाने दिया जाएगा। लेकिन, शिवकुमार सीएम पद से कम पर तैयार नहीं हुए।
एक दिन पहले दोनों नेताओं ने खरगे से भी अलग-अलग मुलाकात की थी। तीनों केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने भी बुधवार को खरगे से उनके आवास पर मुलाकात की।
सिद्धारमैया समर्थक मना रहे थे जश्न : दिल्ली में बैठकों के दौर के बीच बंगलूरू में सिद्धारमैया समर्थक फैसले से पहले जश्न मनाने लगे थे। समर्थकों को उनके सीएम बनने का पूरा भरोसा था। वहीं, शिवकुमार के समर्थक दिल्ली में दस जनपथ के बाहर भी अपने नेता के लिए तख्तियां लेकर खड़े थे।
भाजपा ने किया कटाक्ष, कहा- कांग्रेस में एकता की कमी : वहीं कई दिन बीत जाने के बाद भी मुख्यमंत्री नहीं चुन पाने पर भाजपा ने कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष किया था। कर्नाटक के मुख्यमंत्री का फैसला करने में देरी को लेकर कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष करते हुए, पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा था कि यह पूर्ण बहुमत प्राप्त करने के बावजूद पार्टी में “एकता की कमी” दिखाता है।
बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि कर्नाटक के लोगों ने कांग्रेस पार्टी को वोट दिया है इसलिए उसे राज्य में विकास के लिए काम करना चाहिए। साथ ही बोम्मई ने कहा था कि पूर्ण बहुमत मिलने के बावजूद मुख्यमंत्री तय करने में देरी पार्टी में एकता की कमी को दर्शाती है। कांग्रेस पार्टी को राजनीति करना बंद करना चाहिए, नए मुख्यमंत्री का चयन करना चाहिए और सरकार बनाकर लोगों की सेवा करनी चाहिए। बोम्मई ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी का आंतरिक मामला है और वह इसके बारे में और बात नहीं करना चाहेंगे।