उत्तराखंड; धामी सरकार जून से अपने सभी प्रमुख नौकरशाहों को पहाड़ चढ़ाने जा रही है। अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव से लेकर सचिव स्तर के अधिकारियों के लिए जिलों के भ्रमण का कैलेंडर जारी कर दिया गया है। भ्रमण के कैलेंडर के हिसाब से अधिकारी सालभर हर 15 दिनों में जिलों का भ्रमण करेंगे। भ्रमण के दौरान उन्हें अपने जिले के किसी दूरस्थ गांव में रात्रि विश्राम भी करना होगा। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और आनंद बर्द्धन देहरादून, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जिले का तिमाही आधार पर भ्रमण करेंगे।
मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु के अनुमोदन के बाद सचिव नियोजन आर. मीनाक्षी सुंदरम ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। सरकार की जिलों के भ्रमण की यह नई व्यवस्था आगामी जून से आरंभ होगी। उत्तराखंड को वर्ष 2025 देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए सशक्त उत्तराखंड@25 के तहत शासन ने जिलों के प्रभारी सचिवों की व्यवस्था को समाप्त किया है। इस व्यवस्था में प्रभारी सचिव एक जिले तक सीमित रह रहे थे। इससे उन्हें दूसरे जिलों में अपने विभागों से संबंधित योजनाओं की प्रगति की जमीनी हकीकत का पता नहीं चल पा रहा था।
अपने विभागों के कार्यों की टटोलेंगे नब्ज, फ्लैगशिप का काम भी देखेंगे
सभी अधिकारी जनपदीय भ्रमण के दौरान जिलों में अपने विभागों के कार्यों की जमीनी हकीकत का पता लगाएंगे। वे प्रमुख फ्लैगशिप कार्यक्रमों जैसे जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी व ग्रामीण), एनआरएलएम, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, हर खेत को पानी, पीएम पोषण मिशन, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना आदि की व्यापक समीक्षा करेंगे।
एक सप्ताह में देनी होगी भ्रमण की रिपोर्ट : अधिकारी जिलों का भ्रमण करने के एक सप्ताह के भीतर भ्रमण की एक रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे। यह रिपोर्ट वे सॉफ्ट व हार्ड कॉपी में देंगे। इसकी एक प्रति जिले का दौरा करने वाले दूसरे सचिव को भी सौंपी जाएगी, जिससे संबंधित सचिव अपने भ्रमण के दौरान यह जांच कर सकेंगे कि पहले अधिकारी की रिपोर्ट में कितनी सत्यता है। इसके अलावा, रिपोर्ट में बताई गई कमियों का फॉलोअप भी किया जा सकेगा।