लैंड जिहाद; लैंड जिहाद के मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए धामी सरकार ने प्रदेशभर में अतिक्रमण कर कब्जाई गई एक-एक इंच सरकारी जमीन को वापस लेने की व्यू रचना तैयार कर ली है। इसके लिए सरकार ने जिला और राज्य स्तर पर सरकारी व सार्वजनिक परिसंपत्तियों के प्रबंधन समितियों का गठन किया है। जो कब्जा की गई परिसंपत्तियों का डाटा जुटाने के साथ ही उन्हें कब्जा मुक्ति कराने की कार्रवाई करेगी। इसके लिए सभी विभागों, निगमों और निकायों से एक महीने में भूमि का ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा गया है।
प्रदेश के कुल भू-भाग के 71 प्रतिशत से अधिक हिस्से पर वनों का कब्जा है। ऐसे में विकास संबंधी कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार के पास खाली जमीन अब न के बराबर बची। जो भूमि है भी उस पर वर्षों से कब्जे हैं। ऐसे में सरकार इन जमीनों से कब्जे हटाकर एक बार फिर से अपने स्वामित्व मेें लेना चाहती है। इस संबंध में सचिव राजस्व सचिन कुर्वे की ओर से आदेश जारी किए गए हैं।
इसके तहत सबसे पहले सरकार आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करते हुए सरकारी संपत्तियों का ब्योरा जुटाएगी। इसके लिए भौतिक सत्यापन के साथ ही सेटेलाइट, ड्रोन इत्यादि से डाटा इकट्ठा कर इसे पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इसके साथ ही हर भूमि या संपत्ति को एक यूनिक नंबर दिया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक विभाग की ओर से नोडल अधिकारी की तैनाती की जाएगी।