December 23, 2024

Devsaral Darpan

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कालसी- उच्च प्राथमिक विद्यालय का प्रधानाध्यापक छात्राओं के साथ कर रहा था छेड़खानी और अश्लील हरकतें, प्रधानाध्यापक को निलंबित कर बैठा दी विभागीय जांच !!

कालसी;  उच्च प्राथमिक विद्यालय का प्रधानाध्यापक छात्राओं के साथ छेड़खानी और अश्लील हरकतें कर रहा था। प्राथमिक जांच में आरोपों की पुष्टि होने पर जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक शिक्षा) ने प्रधानाध्यापक चतर सिंह चौहान को निलंबित कर विभागीय जांच बैठा दी है। साथ ही उसे उप शिक्षाधिकारी कार्यालय चकराता से अटैच कर दिया।

मामला विकासखंड कालसी के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय का है। अप्रैल 2023 में एक छात्रा ने वहां तैनात महिला शिक्षिका से शिकायत की थी। बताया था, प्रधानाध्यापक आधा दर्जन से अधिक छात्राओं के साथ छेड़खानी और अश्लील हरकतें करता चला आ रहा है। उच्चाधिकारियों तक बात पहुंची तो विभाग में खलबली मच गई। चार मई को उप शिक्षाधिकारी कालसी भुवनेश्वर प्रसाद जदली ने स्कूल पहुंचकर प्रधानाध्यापक, शिक्षिका और छात्राओं से पूछताछ की।

उन्होंने बताया, जांच में आरोप सही पाए गए। विस्तृत रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी गई। इसके आधार पर जिला शिक्षाधिकारी (प्राथमिक शिक्षा) आरएस रावत ने प्रधानाचार्य को तत्काल निलंबित कर दिया है। उप शिक्षाधिकारी चकराता पूजा नेगी को मामले की जांच सौंपी गई है। उन्हें प्रधानाध्यापक का भी पक्ष सुनकर 15 दिन के भीतर रिपोर्ट देने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने बताया, विभागीय जांच रिपोर्ट आने के बाद मामले में पुलिस से भी शिकायत की जाएगी।

आतंक इतना कि आधा दर्जन से अधिक छात्राओं ने छोड़ा स्कूल : प्रधानाध्यापक का इतना आतंक था कि आधा दर्जन से अधिक छात्राओं ने स्कूल छोड़ दिया। पहले कक्षा सात की एक छात्रा ने अपना नाम कटाया। इसके बाद प्रधानाध्यापक के उत्पीड़न से तंग आकर छह अन्य छात्राओं ने भी स्कूल से नाम कटवा लिया है। उप शिक्षाधिकारी ने स्कूल छोड़ने वाली छात्राओं की जानकारी जुटाई। जांच में पता चला कि उन्होंने क्षेत्र के ही एक अन्य स्कूल में दाखिला लिया है।

लंबे समय से कर रहा था उत्पीड़न, एक छात्रा की हिम्मत ने खोला राज
प्रधानाध्यापक लंबे समय से छात्राओं के साथ छेड़खानी करता आ रहा था। लेकिन, पीड़ित छात्राएं लोकलाज और उसके रौब के चलते अपने साथ हुई ज्यादतियों की शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थीं। एक छात्रा ने हिम्मत दिखाते हुए शिक्षिका को पूरी बात न बताई होती तो शायद प्रधानाध्यापक की करतूत कभी सामने नहीं आती।

एक दिन एक पीड़ित छात्रा ने स्कूल की महिला शिक्षिका को फोन किया और छात्राओं के उत्पीड़न की बात बताई। करीब आधा दर्जन छात्राओं के साथ छेड़खानी और अश्लील हरकतों की बात सुनकर शिक्षिका दंग रह गईं। जानकारी मिलते ही शिक्षिका और विभागीय अधिकारी हरकत में आए। उप शिक्षाधिकारी भुनेश्वर प्रसाद जदली भी स्वीकार करते हैं कि अगर छात्रा ने शिक्षिका को फोन कर जानकारी नहीं दी होती तो शायद यह मामला दब जाता। अन्य छात्राओं के उत्पीड़न की भी आशंका बनी रहती। उन्होंने बताया, विभागीय जांच पूरी होने के बाद कानूनी कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।

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