December 23, 2024

Devsaral Darpan

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उत्तराखण्ड- प्रदेश में नियम विरूद्ध हो रहे निर्माण कार्यों पर हाईकोर्ट सख्त, जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से तीन हफ्तों में मांगा जवाब !!

उत्तराखण्ड;  नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रदेश में प्राधिकरण के नियमों को दरकिनार कर हो रहे निर्माण कार्यों के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार को तीन सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस दौरान जितने भी निर्माण कार्य होंगे उनकी जिम्मेदारी स्वयं निर्माणकर्ताओं की होगी और सभी कार्य जनहित याचिकाओं के निर्णय के अधीन होंगे।

मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी रविशंकर जोशी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार ने वर्ष 2017 में हर जिले में जिला विकास प्राधिकरण का गठन किया। जिले में जो भी निर्माण कार्य होंगे, वे प्राधिकरण के नियमों के तहत ही होंगे लेकिन सरकार ने 17 मार्च 2021 को एक शासनादेश जारी कर कहा कि वर्ष 2016 से पूर्व के क्षेत्रों में मानचित्र की स्वीकृति यथावत रहेगी जबकि बाद में जोड़े गए नए क्षेत्रों के लिए कोई प्रावधान नहीं रखा। इसकी वजह से हल्द्वानी के गौलापार में बेतरतीब तरीके से निर्माण कार्य हो रहे हैं।

जनहित याचिका में कहा गया कि जब इसकी शिकायत जिला विकास प्राधिकरण से की गई तो वहां से कहा गया कि नए क्षेत्रों के लिए भी वही नियम लागू हैं जो वर्ष 2016 से पूर्व के क्षेत्रों पर लागू हैं। केवल निर्माण कार्य करने के लिए मानचित्र की छूट मिल सकती है। नए क्षेत्र जिला विकास प्राधिकरण के नियमों का पालन करने के लिए बाध्य है। 

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