December 23, 2024

Devsaral Darpan

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उत्तराखण्ड- वर्ष 2016 में बहुचर्चित स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को दिया नोटिस !!

उत्तराखण्ड;  वर्ष 2016 में वर्ष 2016 में बहुचर्चित स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को नोटिस दिया है। सीबीआई कोर्ट के माध्यम से उन्हें वॉयस सैंपल के लिए चार जुलाई को सीबीआई कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि बृहस्पतिवार की सुबह बकरीद पर कुछ लोगों से मुलाकात के लिए वह घर से बाहर गए थे, तभी उनके पास फोन आया कि सीबीआई वाले घर आए हैं। उन्होंने पहले सीबीआई को कल आने के लिए कहा, लेकिन घर लौटने के बाद सोशल मीडिया में एक पोस्ट डालकर नोटिस आज ही देने के लिए कहा। मेरी पोस्ट पढ़कर सीबीआई बृहस्पतिवार को दोपहर तीन बजे फिर मेरे घर पहुंची और मुझे नोटिस दिया। जिसमें वॉयस सैंपल देने के संबंध में कहा गया है।

तब सही मानूंगा जब 2024 से पहले आ जाए सीबीआई जांच रिपोर्ट :

देहरादून। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि यह सब 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर किया जा रहा है। इस कदम को तब सही मानेंगे जब 2024 से पहले सीबीआई की जांच रिपोर्ट आ जाए। वर्ष 2016-17 में हमें और राज्य को इससे जो नुकसान होना था हो चुका है। जिसे हम स्टिंग सूत्रधार मानते थे, उनका कहना है उन्हें स्टिंग की जानकारी नहीं थी। उनकी ओर से इसमें कुछ लोगों के नाम लिए गए हैं। यह नाम उस समय चर्चा में थे, इसमें से एक की अब भी लगातार उत्तराखंड में रुचि बनी है। अंकिता हत्याकांड में भी लोगों को शंका है कि यह वीआईपी वहीं तो नहीं था। पूर्व सीएम ने कहा कि सरकार जिस तरह से काम कर रही है इससे कुछ दिक्कतें झेलनी पड़ेगी, समय के साथ सब स्पष्ट हो जाएगा।

यह है मामला :  वर्ष 2016 में हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए उनका एक स्टिंग करने का दावा उमेश कुमार ने किया था। इसके बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया था। इसी दौरान एक और स्टिंग सामने आया था, इसमें विधायक मदन सिंह बिष्ट के होने का दावा किया गया। इसमें डॉ. हरक सिंह रावत के भी शामिल होने का दावा किया गया था। दोनों ही स्टिंग के बारे में उमेश कुमार ने दावा किया था कि हरीश रावत सरकार को बचाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की डीलिंग की जा रही थी। इसमें रुपयों के लेन-देन होने की बात का दावा भी स्टिंग प्रसारण के दौरान किया गया था। बाद में इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी। स्टिंग में जो आवाजें हैं उनके मिलान के लिए इन चारों ही नेताओं के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति सीबीआई ने अदालत से मांगी है।

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