December 23, 2024

Devsaral Darpan

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स्वास्थ्य चिंतन शिविर- पच्चीस साल के लिए विजन डॉक्यूमेंट तैयार करेंगे सभी राज्य, देश के हर गांव में आयुष्मान लगेगी चौपाल !!

स्वास्थ्य चिंतन शिविर;  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि देश के अमृतकाल के अगले 25 साल के लिए सभी राज्य स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए विजन डॉक्यूमेंट तैयार करेंगे। यह डॉक्यूमेंट लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान के लिए एक मार्गदर्शन करेगा। देश के हर गांव में आयुष्मान चौपाल लगाई जाएगी।

लिंगानुपात में समानता लाने के लिए पीसीपीएनडीटी एक्ट (पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीकी एक्ट) में संशोधन किया जाएगा। इसके लिए सभी राज्यों से सुझाव लिए जाएंगे। अंगदान की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाएगा। देहरादून के ओल्ड राजपुर रोड स्थित होटल रीजेंसी में आयोजित दो दिवसीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर समापन हो गया है।

राष्ट्रीय चिंतन शिविर की तर्ज पर चिंतन शिविर : शिविर के दूसरे दिन शनिवार को अलग-अलग सत्रों में सात मुद्दों पर मंथन किया गया। इसमें टीबीमुक्त भारत अभियान, आयुष्मान भव, लिंगानुपात, गैर-संचारी रोगों की रोकथाम, आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट, अंगदान समेत कई मुद्दों पर मंथन किया गया।

चिंतन बैठक के समापन के बाद प्रेसवार्ता में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि अमृतकाल के आने वाले 25 साला में देश को स्वास्थ्य क्षेत्र में उत्कृष्ट राष्ट्र बनाने के लिए सभी राज्य भी विजन डॉक्यूमेंट तैयार करेंगे। इसके लिए राष्ट्रीय चिंतन शिविर की तर्ज पर सभी राज्य भी अपने यहां दो दिन का चिंतन शिविर आयोजित करेंगे।

सभी राज्यों की ओर से दिए गए सुझाव : देश के हर गांव में लगाई जाने वाली आयुष्मान चौपाल में आयुष्मान कार्ड, आभा आईडी बनाने के साथ लोगों के स्वास्थ्य की जांच भी की जाएगी। शत-प्रतिशत आयुष्मान कार्ड और आभा आईडी बनाने वाले गांवों को आयुष्मान गांव घोषित किया जाएगा। सभी राजकीय मेडिकल कॉलेज हर सप्ताह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कैंप लगाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चिंतन शिविर में 2025 तक देश को टीबीमुक्त करने पर चर्चा की गई। इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए सभी राज्यों की ओर से सुझाव दिए गए।

लिंगानुपात समानता लाने को मिशन मोड पर होगा काम : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लिंगानुपात में समानता लाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार मिशन मोड में काम करेगी। इसके लिए पीसीपीएनडीटी एक्ट में संशोधन किया जाएगा। सभी राज्यों से संशोधन के लिए सुझाव देंगे। प्रसव से पूर्व भ्रूण जांच रोकने के लिए एक्ट में सख्त प्रावधान किया जाएगा।

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