उत्तराखण्ड; प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग लगाने पर राज्य सरकार अब 50 लाख से चार करोड़ रुपये तक की सब्सिडी देगी। कैबिनेट बैठक में नई एमएसएमई नीति को मंजूरी दे दी गई। खास बात यह है कि स्थानीय स्तर के कच्चे माल का उद्योग लगाने वालों को सरकार 10 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी देगी।
बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में नई एमएसएमई नीति को मंजूरी मिली। इसके तहत अब पांच के बजाए चार श्रेणियां बनाई गई हैं। ए-श्रेणी में वे जिले शामिल हैं जो पूर्णतया पर्वतीय होने के साथ ही अधिकतम ऊंचाई वाले हैं।
बी-श्रेणी में ऐसे पर्वतीय जिले होंगे, जो अपेक्षाकृत कम दुर्गम हैं। सी व डी मैदानी श्रेणी हैं। ए-श्रेणी में निवेश पर 50 लाख से चार करोड़, बी-श्रेणी में 40 लाख से तीन करोड़, सी-श्रेणी में 30 लाख से दो करोड़ और डी-श्रेणी में 20 लाख से 1.5 करोड़ तक सब्सिडी मिलेगी। मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधू ने बताया कि पर्वतीय जिलों के कच्चे माल आधारित जैसे फ्रूट प्रोसेसिंग यूनिट, फलों से शराब, पिरूल आधारित उद्योग लगाने वालों को सरकार 10 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी देगी। सरकार ने नई नीति में सेवा क्षेत्र को अलग कर दिया है, इसका लाभ केवल विनिर्माण उद्योगों के लिए मिलेगा।