कार्यक्रम का शुभारंभ डीजीपी अशोक कुमार, एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा सहित अन्य ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम में सबसे पहले डीजीपी के जीवन पर बनी डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। संबोधन में डीजीपी ने कहा कि उनका यह उद्देश्य रहा है कि जनता के मन से पुलिस का भय दूर हो। इसका जिक्र अपनी पुस्तक खाकी में इंसान में भी किया। हमेशा यही प्रयास किया कि जनता संग मिलकर पुलिसिंग की जाए।
पुलिसिंग को स्मार्ट और संवेदनशील बनाने का प्रयास किया जो अपराधियों के लिए सख्त और पीड़ितों के लिए संवेदनशील बने। एक ओर ऑपरेशन मर्यादा और ऑपरेशन प्रहार चलाया, जिसमे पुलिस ने 2000 से भी ज्यादा अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा। चाहे भू माफिया हो, नकल माफिया हो, धोखाधड़ी करने वाले हों या फिर लुटेरे सभी के विरुद्ध कार्रवाई हुई। वहीं दूसरी ओर पुलिस को संवेदनशील बनाकर ऑपरेशन स्माइल और ऑपरेशन मुक्ति अभियान चलाया, जो गुमशुदा के पुनर्वास और बच्चों को भिक्षावृत्ति से निकालकर शिक्षा के मार्ग पर लेकर आने में कारगर साबित हुआ।
कार्यक्रम का संचालन एसपी क्राइम/यातायात डॉ. जगदीश चंद्र व प्रो. सेन गुप्ता ने किया। इस दौरान डीजीपी की पत्नी अलकनंदा अशोक, एसपी सिटी हरबंस सिंह, पुष्कर राज जैन, नरेंद्र भूटियानी, बीएस मनकोटी, मोहन सिंह बग्याल, नवीन वर्मा, उपसेना नायक विमल कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक सीआईडी कमला बिष्ट आदि मौजूद रहे।
ऐतिहासिक कदम उठाए गए: एसएसपी : एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने कहा कि डीजीपी ने प्रदेश की जनता की सेवा और सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए और पुलिस के मनोबल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने के सार्थक प्रयास किए हैं।
इन संगठनों के लोग रहे मौजूद : कुमाऊं के जिलों से पुलिस अधिकारी, व्यापार मंडल के प्रतिनिधि, स्पोर्ट्स एसोसिएशन का प्रतिनिधि मंडल, डीपीएस स्कूल प्रशासन, केमिस्ट एसोसिएशन, पब्लिक स्कूल एसोसिएशन, ट्रांसपोर्ट यूनियन, आईएमए, गुरु सिंह सभा, पुलिस पेंशनर बोर्ड और पुलिस कर्मियों के साथ प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने भाग लिया।