उत्तराखण्ड; कुमाऊं विश्वविद्यालय के कारनामे भी अजीबोगरीब हैं। बिना बीए पास किए छात्रा को एमए करा दिया गया है। छात्रा के उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग में मामले की शिकायत पर आयोग ने प्रकरण की जांच कराई तो विश्वविद्यालय की लापरवाही सामने आई है। आयोग ने विवि के कुलपति को छात्रा की बैक परीक्षाएं कराते हुए समस्या का निपटारा करने के निर्देश दिए हैं।
अल्मोड़ा निवासी छात्रा सना परवीन के मुताबिक उसने वर्ष 2016 में कुमाऊं विश्वविद्यालय के सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा में बीए प्रथम सेमेस्टर में दाखिला लिया था। अंग्रेजी प्रथम सेमेस्टर और दूसरे सेमेस्टर में मनोविज्ञान विषय में उसकी बैक आई थी। वर्ष 2019 में पांचवें सेमेस्टर में उसे उत्तीर्ण दिखाए जाने के बाद इसी साल उसे स्नातकोत्तर में दाखिला दे दिया गया।
बीए किए बिना एमए कर चुकी छात्रा की उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग में शिकायत पर आयोग ने श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय टिहरी के कुलसचिव की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की। समिति ने आयोग को सौंपी रिपोर्ट में कहा है कि छात्रा की पहले और दूसरे सेमेस्टर में एक-एक विषय में बैक है।
अंक तालिका तीन साल बाद जारी : कुमाऊं विश्वविद्यालय की नियमावली 2016 के अनुसार छात्रा का हर विषय में पास होना अनिवार्य था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विश्वविद्यालय ने वर्ष 2016 की परीक्षा की अंक तालिका वर्ष 2019 में जारी की है। जिसमें सीओपी लिखा था। अंक तालिका तीन साल बाद जारी किया जाना गंभीर विषय है। छात्रा को दूसरे साल की अंकतालिका 2018 में जारी की गई है। जिसमें उसे पास दर्शाया गया है।