उत्तराखण्ड; मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंत्री-विधायक को बुलाकर उनके बीच बनी दूरियों का मिटा दिया। अपनी ही सरकार के मंत्री और पार्टी विधायक के बीच की तरकरार पर विपक्ष सियासी हमला बोलने की तैयारी से पहले ही मुख्यमंत्री ने मोर्चा संभाल लिया। 24 घंटे के भीतर उन्होंने मंत्री-विधायक के बीच विवाद की भड़की आग पर पानी डाल दिया और विवाद का पटाक्षेप किया।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को वन मंत्री सुबोध उनियाल और पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल को अपने साथ बैठाया। दोनों को सुना और उनके बीच के मनमुटाव को दूर किया। तय हुआ कि विधायक की शिकायत के मामले में एक जांच कमेटी बनेगी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मंगलवार को भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल टौंस और गोविंद वन्यजीव विहार के डीएफओ के अटैचमेंट को लेकर वन मंत्री उनियाल से मिले थे। उनकी वन मंत्री सुबोध उनियाल से तीखी बहस हो गई थी। विधायक ने मंत्री के आवास पर धरना दे दिया था। दोनों के बीच इस तकरार पर सियासत गरमा गई। इससे पहले कि विपक्ष मंत्री-विधायक के बहाने सरकार पर ताने बरसाता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मोर्चा संभाल लिया।
विधायक ने कहा कि मेरा विधानसभा क्षेत्र सीमावर्ती है। यहां के डीएफओ के रवैये के खिलाफ उन्होंने मंत्री से भेंट की थी। मैं यही कहना चाहता हूं कि हमारे लिए जनता सर्वोपरि है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हमारी सरकार बहुत अच्छा कार्य कर रही है। उन्होंने एक कमेटी बना दी है, जो जांच के बाद आगे की कार्रवाई करेगी।