उत्तराखण्ड; मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री से कहा कि बिजली की बढ़ती मांग के सापेक्ष राज्य सरकार को खुले बाजार से प्रतिवर्ष एक हजार करोड़ की बिजली खरीदनी पड़ रही है। इससे राज्य के वित्तीय संसाधनों पर बोझ बढ़ रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से कोयला आधारित संयंत्र से निर्मित 400 मेगावाट अतिरिक्त बिजली देने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आगामी पांच वर्षों में राज्य की जीएसडीपी को दोगुने के लिए आधारभूत ढांचे में व्यापक वृद्धि प्रस्तावित की गई है। जिससे राज्य में औद्योगिकीकरण, सेवा क्षेत्र में निवेश को आकर्षित किया जा रहा है। जिससे भविष्य में बिजली की मांग में बढ़ोतरी होना तय है।
बिजली खरीद का बोझ राज्य के वित्तीय संसाधनों पर पड़ रहा : राज्य में निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में पर्यावरणीय कारणों से हो रहे देरी की वजह से बिजली की मांग के सापेक्ष उपलब्धता का अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रस्तावित 4800 मेगावाट की 44 जलविद्युत परियोजनाओं का निर्माण स्थगित है। राज्य की विद्युत ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए खुले बाजार से प्रतिवर्ष लगभग 1000 करोड़ की बिजली खरीद का बोझ राज्य के वित्तीय संसाधनों पर पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राज्य को केंद्रीय पूल के कोयला आधारित संयंत्रों से 400 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत स्थायी रूप से आवंटित करने का अनुरोध किया। सीएम ने पिथौरागढ़ की जल विद्युत परियोजनाओं बौकांग बेलिंग (330 मेगावाट) एवं सेलाउर्थिग (202 मेगावाट) की स्वीकृति देने की मांग की। उन्होंने प्रधानमंत्री से राज्य में गंगा एवं उसकी सहायक नदियों के अतिरिक्त अन्य नदी घाटियों पर स्थित परियोजनाओं के त्वरित विकास एवं निर्माण के अनुमति प्रदान करने के लिए जल संसाधन मंत्रालय को निर्देश देने का भी अनुरोध किया।