मसूरी मुठभेड़; मसूरी में शुभम को पकड़ने गई टीम में दो दरोगा की लापरवाही सामने आई है। दोनों को पुलिस कप्तान ने निलंबित कर दिया है। दरोगा हथियारों से तो लैस थे लेकिन किसी ने अपनी कमरबंद से पिस्तौल को निकालने की जहमत नहीं उठाई। शुभम मिथुन कुमार को गोली मारकर हथियार लहराता हुआ भाग निकला लेकिन कोई उस पर पीछे से गोली चलाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। कुछ पुलिसकर्मी उसके पीछे जरूर भागे थे।
दरअसल, शुभम मसूरी में छिपा है यह बात पुलिस को पता चल चुकी थी। होमस्टे भी तस्दीक हो चुका था। रजिस्टर में उसकी आईडी से भी यह बात सिद्ध हो गई कि कमरा नंबर 101 में शुभम ही ठहरा हुआ है। पुलिस को पता था कि उसके पास हथियार हो सकता है। लिहाजा, तीन दरोगा और दो कांस्टेबल उसे पकड़ने पहुंचे थे। सबके पास अपनी पिस्तौल भी थी।
कमरबंद में पिस्तौल घुसाकर सभी कमरे की ओर बढ़ गए। दरोगा मिथुन कुमार और अन्य ने दरवाजा खटखटाया तो शुभम ने अंदर से झांककर देख लिया। शायद उसने अंदाजा लगाया कि किसी के पास हथियार नहीं है। जैसे ही उसने दरवाजा बंद किया तो मिथुन कुमार ने बहादुरी दिखाकर उसे दबोच लिया।
मगर, बेखौफ शुभम ने मिथुन के पेट से पिस्तौल सटाकर गोली चला दी। इतना गुत्थमगुत्था होते देख भी बाकी दरोगाओं ने उन्हें कवर नहीं दिया। बताया जा रहा है कि जब जांच हुई तो सीसीटीवी फुटेज में कमरे के गलियारे का घटनाक्रम कैद हो गया। शुभम गोली चलाकर भाग निकला मगर पीछे से किसी ने गोली नहीं चलाई। और तो और बताया यहां तक जा रहा है कि किसी भी दरोगा ने पिस्तौल को कमरबंद से निकाला ही नहीं।