उत्तराखण्ड; राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ियों को सीधे सरकारी नौकरी की व्यवस्था के बाद अब उत्कृष्ट खिलाड़ियों को चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ दिए जाने की तैयारी है। इसके लिए सरकार विधानसभा में विधेयक लाने जा रही है। बुधवार को कैबिनेट बैठक में इसके प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। इससे अमर उजाला की 18 जनवरी 2024 की खबर पर भी मुहर लग गई है।
कैबिनेट में आए प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्य के कई प्रतिभावान खिलाड़ियों ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से राज्य को खेलों के क्षेत्र में नई पहचान दी है। प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य के कुशल खिलाड़ियों को लोक सेवाओं और पदों में चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के लिए विधानसभा में विधेयक लाया जाएगा। विधेयक उत्तराखंड लोक सेवा विधेयक 2024 कहलाएगा। प्रदेश में वर्ष 2006 में खिलाड़ियों के लिए सरकारी नौकरी में चार प्रतिशत खेल कोटे का शासनादेश हुआ था।
यूपी के एक खिलाड़ी ने शासनादेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने चार प्रतिशत खेल कोटे पर वर्ष 2013 में रोक लगाने के साथ ही शासनादेश को रद्द कर दिया था। खेल कोटे को लेकर अब सरकार एक्ट बनाने जा रही है। सरकार की ओर से वर्तमान में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को जहां विभिन्न छह सरकारी विभागों में सीधे नौकरी दिए जाने की व्यवस्था की गई है। वहीं चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का एक्ट बनने के बाद राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सभी विभागों में नौकरी के लिए इसका लाभ मिल सकेगा।
कुशल खिलाड़ियों के लिए क्षैतिज आरक्षण विधेयक-2024 के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिली है, जल्द ही इसे विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा। खेल नीति बनने के बाद खासकर दो अहम फैसले हुए हैं। पदक लाने वाले खिलाड़ियों को सीधे नौकरी के फैसले के बाद अब चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का फैसला सरकार का ऐतिहासिक कदम है।
– रेखा आर्या, खेल मंत्री