उत्तराखण्ड; प्रदेश के नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों का चुनाव लोकसभा चुनाव के पहले चरण के बाद ही होगा। हाईकोर्ट के आदेश के तहत सरकार को दो जून तक सभी निकायों में नया बोर्ड बनवाना है, जिसके लिए लोकसभा चुनाव के दौरान ही चुनाव कराना होगा।
वहीं, निकायों में ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए सरकार नगर निगम और नगर पालिका अधिनियम में संशोधन का विधेयक लाने की तैयारी में है। प्रदेश में 97 नगर निकायों के चुनाव वर्ष 2018 में हुए थे, जिनका पांच वर्ष का कार्यकाल पिछले साल एक दिसंबर को खत्म हो गया था। दो दिसंबर से सभी निकाय प्रशासकों के हवाले हो गए थे।
दो जून से पहले ही सरकार को चुनाव संपन्न कराने हैं, लेकिन जल्द ही देशभर में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो जाएगी। ऐसे में इस चुनाव के दौरान निकाय चुनाव कराने में तकनीकी दिक्कत हो सकती है। इस दिक्कत से निपटने के लिए सरकार, चुनाव आयोग से विशेष अनुमति ले सकती है।
ताकि, पहले चरण में उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव होने के बाद निकाय चुनाव की आचार संहिता भी लागू की जा सके। अप्रैल के अंतिम सप्ताह में निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन जारी हो सकता है, जिसके बाद मई में चुनाव होंगे।