उत्तराखंड; विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन राज्य खेल विश्वविद्यालय विधेयक पेश किया गया। राज्य का यह पहला खेल विवि होगा, जिसमें खिलाड़ियों को सभी आधुनिक खेल सुविधाएं मिलेंगी।
विधेयक में कहा गया कि राज्यपाल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति होंगे। वहीं, सरकार विश्वविद्यालय के लिए 10 करोड़ का कॉपर्स फंड देगी। विधेयक में कहा गया कि कोई मानद उपाधि या अन्य विशिष्टताओं को प्रदान करने का प्रस्ताव कुलाधिपति के अनुमोदन के बाद ही होगा, जबकि कुलपति विश्वविद्यालय के पूर्णकालिक वैतनिक अधिकारी होंगे।
उनकी नियुक्ति कुलाधिपति ऐसे व्यक्तियों के मध्य से करेंगे, जिनके नाम इसके लिए गठित समिति की ओर से उन्हें सौंपे जाएंगे। कुलपति की आयु 40 साल से कम और 65 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। कुलपति की नियुक्ति तीन साल के लिए की जाएगी। जो आगे तीन साल की पुनर्नियुक्ति के लिए पात्र होंगे।
विधेयक में यह भी कहा गया कि यदि कुलाधिपति विवि में किसी उचित और वरिष्ठ आचार्य को नहीं पाते तो वह राज्य विवि के किसी अन्य कुलपति को कुलपति का अतिरिक्त प्रभार सौंप सकते हैं। वहीं, राज्य सरकार के पास समय-समय पर ऐसे निर्देश जारी करने की शक्तियां होंगी, जो बनाए गए उपबंधों का पालन करने के लिए हैं।
विश्वविद्यालय ऐसे निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य होगा। विवि की पहली परिनियमावली कार्यपरिषद की ओर से बनाई जाएंगी, जो इस अधिनियम के लागू होने के तीन महीने के भीतर राज्य सरकार को अनुमोदन के लिए प्रस्तुत की जाएंगी। जिसे परीक्षण के लिए राज्य सरकार 90 दिन के भीतर कुलाधिपति की भेजेगी या कार्यपरिषद का वापस करेगी।