उत्तराखण्ड; प्रदेश सरकार डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम (डीडीआरएस) से चारधाम और राज्य के पर्यटक स्थलों से प्लास्टिक कचरा एकत्रित करेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को राज्य सचिवालय में इसकी शुरुआत की।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की इस योजना के तहत प्लास्टिक की बोतल के बार कोड को स्कैन कर डिजिटल पेमेंट प्राप्त किया जा सकेगा। कार्यक्रम के दौरान सीएम ने बोतल के बार कोड को स्कैन कर डिजिटल पेमेंट प्राप्त की। इस अवसर बताया गया कि डीडीआरएस से पहाड़ी क्षेत्रों में प्लास्टिक कचरे का एकत्रीकरण सरल हो जाएगा। इसके तहत निर्माण इकाइयां क्यूआर कोड वाली प्लास्टिक बोतल व प्लास्टिक पदार्थों का उत्पादन करेंगे। जब उपभोक्ता प्लास्टिक पैकेजिंग में भंडारित पदार्थों का प्रयोग कर लेंगे तो उसके बाद प्लास्टिक अपशिष्ट को नज़दीकी डीडीआरएस सेंटर को वापस कर देंगे। बार कोड स्कैन करने के बाद उनको निश्चित धनराशि मिल जाएगी। इसके लागू होने से प्लास्टिक कचरे को सरकुलर इकोनॉमी में वापस लाया जा सकेगा।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण समिति विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ धनंजय मोहन, सदस्य सचिव उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डॉ. पराग मधुकर धकाते एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।