उत्तराखंड; उत्तराखंड में उगाई जाने वाली सगंध पौधों से तैयार इत्र की खुशबू देश-दुनिया भी महसूस करेगी। इसके लिए सगंध पौध केंद्र सेलाकुई में इत्र विकास प्रयोगशाला तैयार कर रही है। जो देश की पहली सरकारी लैब होगी। तीन करोड़ की लागत से बनने वाली इस प्रयोगशाला में परफ्यूम की गुणवत्ता जांच के साथ खुशबू को मानकों पर परखा जाएगा।
राज्य में एरोमा को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सगंध पौध केंद्र (कैप) सेलाकुई में 40 करोड़ की लागत से निर्मित परफ्यूम क्रिएशन लैब का उद्घाटन किया था। इस प्रयोगशाला में एरोमा पौधों से निकलने वाले तेल व विभिन्न उत्पादों में इस्तेमाल के लिए शोध किया जा रहा है। कैप की ओर से तिमूर, डेमेस्क गुलाब, लैमनग्रास, तेजपात, कैरोमाइल, जापानी मिंट, वन तुलसी, सुरई, कुंजा, कालाबासा समेत अन्य एरोमा प्रजातियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन प्रजातियों के तेल का इस्तेमाल परफ्यूम व अन्य कास्मेटिक उत्पादों में किया जाता है।
अभी तक परफ्यूम बनाने वाली निजी कंपनियों के पास अपनी लैब है। लेकिन सरकारी स्तर पर इत्र की गुणवत्ता जांच और खुशबू को परखने के लिए प्रयोगशाला नहीं है। सगंध पौध केंद्र का दावा है कि देश की पहली लैब उत्तराखंड में बन रही है। जल्द ही काम पूरा करने के लिए लैब को शुरू किया जाएगा।