उत्तराखंड; भराड़ीसैंण विधानसभा से सरकार गिराने की साजिश का बयानी तीर बाहर आने के बाद राजनीति के महारथियों की प्रत्यंचा से अलग-अलग बाण छूटने लगे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने मामले काे गंभीर बताते हुए जांच की मांग उठाई तो उनके समर्थन में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मैदान में उतर गए।
पूर्व सीएम प्रत्यंचा चढ़ाई और तीर छोड़ दिया। उनके छूटे बाण से मची हलचल के बीच निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने त्रिवेंद्र पर पलटवार कर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, मैं विश्वसनीय नहीं हूं लेकिन आपकी तरह मैं विश्वासघाती तो नहीं हूं।
रअसल, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने कहा था जिस व्यक्ति ने 500 करोड़ से सरकार गिराने का बयान दिया है, वह विश्वसनीय है न ही उसे उत्तराखंड के सरोकारों से कोई लेना-देना है। मसूरी में पत्रकार वार्ता में त्रिवेंद्र ने इस मामले की जांच कराए जाने की जोरदार वकालत की थी।
बयान पर बवाल : शुक्रवार को इसी बयान पर खानपुर के विधायक उमेश कुमार ने अपने फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट लिखी। पहले डॉ. निशंक फिर हरीश रावत और उनके बाद त्रिवेंद्र की जुबां से निकले बयानी तीर अब निजी हमलों में बदल गए हैं।
पूर्व सीएम ने उमेश का नाम लिए बगैर उनकी विश्वसनीयता पर प्रश्न किया तो उमेश ने भी त्रिवेंद्र सरकार में गुप्ता बंधुओं को सुरक्षा देने, उनके बेटे की औली में शादी करने समेत कुछ और मुद्दों को लेकर सवालों के तीर छोड़ दिए। इतना ही नहीं उन्होंने अपने फेसबुक पर एक पुराना स्टिंग भी जारी कर दिया।