नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना काल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम मनरेगा गरीब तबके के लोगों के लिए वरदान सिद्ध हुआ। कोरोना के दौरान मनरेगा ने लोगों को बचा लिया।
राहुल ने शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में मनरेगा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यूपीए सरकार ने बहुत सोच समझ कर मनरेगा को संकल्पित, विकसित और लागू किया था। लेकिन वर्तमान की मोदी सरकार ने मनरेगा को सरकार पर बोझ करार दिया था। उन्होंने कहा कि जब यूपीए सरकार मनरेगा के बारे में विचार कर रही थी तो उस दौरान नौकरशाहों सहित व्यापारियों ने इसे खारिज करने की कोशिश की थी लेकिन यूपीए ने इसे लागू किया था।
राहुल ने कहा कि पीएम मोदी ने संसद भवन में मनरेगा को लेकर कहा था कि यह यूपीए की विफलताओं का जीवंत स्मारक है। उन्होंने इसे सरकार पर बोझ करार दिया था। लेकिन मनरेगा कोरोना काल में गरीबों के लिए रोजगार की अंतिम उम्मीद बनी। राहुल ने कहा कि कोविड के दौरान जब हजारों की संख्या में लोग बेरोजगार हुए तब मनरेगा ने ही लोगों को बचाया था। पीएम मोदी ने उस समय मनरेगा पर कोई सवाल नहीं उठाया।
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