पूर्व जिला पंचायत सदस्य देवेंद्र सिंह नेगी का कहना है कि छह साल से पागल नाला का स्थायी समाधान नहीं हो पाया है। उच्च हिमालय क्षेत्रों में बारिश होने पर नाले में पानी बढ़ जाता है जिससे हाईवे पर मलबा भर जाता है। पूर्व में बीआरओ और अब एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग एवं ढांचागत विकास) यहां सिर्फ मलबा हटाने पर ही करोड़ों रुपये खर्च कर चुका है।
इधर, एनएचआईडीसीएल के प्रबंधक संदीप कार्की का कहना है कि पागल नाला में करीब 300 मीटर लंबा पुल स्थापित किया जाएगा। इसकी डीपीआर बन रही है। इसमें छह माह का समय लगेगा। उन्होंने बताया कि आगामी वर्ष जनवरी माह से पुल निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
उधर, गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बंदरकोट के पास लगातार पत्थर गिरने के कारण मार्ग अवरुद्ध हो गया है। बीआरओ की मशीनें मौके पर पहुंच गई हैं, लेकिन पत्थर लगातार गिर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि जब पत्थर गिरने रुकेंगे तो हाइवे को खोलने का काम शुरु किया जाएगा।