December 23, 2024

Devsaral Darpan

News 24 x 7

ई0डी0 की हिरासत में, पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की जानें कैसे कट रही जिंदगी कोई मांग रहा मटन तो कोई मेवे,

कोलकाता ; उच्च रक्त शर्करा के बावजूद शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी चावल व मटन के शौकीन हैं। ईडी की हिरासत में वह बार-बार इसकी मांग कर रहे हैं। वहीं इस घोटाले में गिरफ्तार उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी ब्लैक काफी के साथ बादाम, काजू व किशमिश की मांग रही है।लेकिन ईडी के सूत्रों के मुताबिक दोनों के शरीर और सेहत को ध्यान में रखते हुए डाइट चार्ट तैयार किया गया है और उसी हिसाब से दोनों को खाना दिया जा रहा है।

पार्थ चटर्जी को सुबह सबसे पहले ब्लैक टी और दो क्रीम क्रैकर बिस्किट दिए जा रहे हैं। नाश्ते में दलिया दिया जा रहा है। एक घंटे के बाद डाइट चार्ट में दो तरह के फल दिए जा रहे हैं। रविवार दोपहर पार्थ चटर्जी मटन और चावल खाना चाहते थे। लेकिन उन्हें चिकन दिया गया। फिर मौसंबी जूस दिया गया। पूर्व मंत्री शाम में पकौड़े की मांग कर रहे थे। लेकिन बिस्किट मिला। उसके बाद पूर्व मंत्री पार्थ को रात में दो रोटी और सब्जी दी गई।

ईडी सूत्रों के मुताबिक रविवार को ही नहीं पार्थ चटर्जी इससे पहले भी कई बार चावल की मांग कर चुके हैं। इतना ही नहीं वह चावल के बिना कुछ भी नहीं खाने पर अड़ गए थे। बाद में अर्पिता की बात सुनकर पार्थ डाक्टर के डायट चार्ट के मुताबिक खाने को तैयार हुए।

अर्पिता के दिन की शुरुआत बिना चीनी की ब्लैक चाय से : अर्पिता के दिन की शुरुआत बिना चीनी की ब्लैक चाय से होती है। नाश्ते में वह ब्राउन ब्रेड, उबले अंडे और केला खाती है। ईडी सूत्रों के मुताबिक फिर उसे फ्रूट जूस दिया जाता है। दोपहर के समय चावल, रोटी, दाल, सब्जी और मछली से अपना पेट भरती है। शाम को उसे एक कप चाय और बिस्किट दिए जाते हैं। रात में दो रोटियां और सब्जी परोसी जाती है।

पार्थ के फलाहार पर महीने में खर्च होता था ढाई लाख रुपये शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी का महीने में फलाहार पर ढाई लाख रुपये खर्च होता था। जांच में मिली इस जानकारी से ईडी के अधिकारी हैरत में हैं। जांच में पता चला है कि उनके घर में रोजाना सात से आठ हजार रुपये का फल आता था कोलकाता के न्यू मार्केट से जिन विक्रेताओं के पास से पार्थ के घर में फल जाता था, उनसे अब ईडी पूछताछ करने की तैयारी में है, क्योंकि अधिकारियों को संदेह है कि काली कमाई को सफेद करने का यह भी एक हथकंडा हो सकता है।

news